मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में लाइन स्टाफ की बेजा कमी है, जिस कारण से कार्यरत लाइन कर्मियों पर काम का अत्यधिक बोझ लाद दिया गया है। स्थिति यह है कि एक नियमित लाइनमैन के साथ ही संविदा और आउटसोर्स श्रमिकों से नियम विरुद्ध काम कराए जा रहे हैं।
इसके अलावा लाइन स्टाफ को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल रहा है, जिससे सभी कर्मी तनाव में काम कर रहे हैं, जिसका विपरीत प्रभाव उनकी सेहत पर पड़ रहा है और वे असमय काल के गाल में समा रहे हैं।
वहीं विडंबना है कि कोरोना संक्रमण से उपजे संकट के बीच ईमानदारी से ड्यूटी करने वाले लाइन स्टाफ को कंपनी प्रबंधन और प्रदेश सरकार कोरोना योद्धा ही नहीं मानती, जिस कारण सभी लाइन कर्मी वैक्सीनेशन से भी वंचित हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर सिटी सर्किल के दक्षिण संभाग के अंतर्गत उप संभाग गढ़ा में लाइन परिचारक के पद पर कार्यरत ओम प्रकाश जयसवाल को 3 अप्रैल की रात को घर पर सीने में दर्द उठने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लाइन कर्मी के परिजनों ने बताया कि उन्हें रात को आराम लग गया था, लेकिन दूसरे दिन सुबह 9 बजे उन्हें सीने में अत्यधिक दर्द होने से उनकी मृत्यु हो गई।
मृत लाइन कर्मी तकनीकी कर्मचारी संघ में क्षेत्रीय संगठन सचिव के पद पर कार्यरत थे। संघ के हरेन्द्र श्रीवास्तव, एसके मौर्य, रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके शाक्य, एसके सिंह, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, मुन्नालाल लखेरा, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, शशि उपाध्याय, राजेश यादव, हिरेंद्र रोहिताश, राजेश सोनी, पीके मिश्रा, महेश पटेल आदि के द्वारा तिलवारा घाट के पास श्रद्धांजलि दी गई।