एमपी में कोरोना का कहर: कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत करने की मांग

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप पूरे देश के साथ-साथ प्रदेश एवं जिले में भी चरम सीमा में है। जबलपुर जिले में प्रतिदिन 200 से अधिक कोविड मरीज मिल रहे हैं।

महामारी के इस दौर में भी राज्य के कर्मचारी पूरी क्षमता के साथ कार्यालयों में उपस्थित होकर कार्य संपादित कर रहे हैं, कार्यालयों में बैठने की जगह कम होने के कारण कर्मचारी आपस में दो गज की दूरी का पालन सही से नहीं कर पाते हैं।

वहीं कार्यालयों में आगंतुकों के कारण भी अत्याधिक भीड़ हो जाती है, जिस कारण कर्मचारी एवं अधिकारी एवं उनका परिवार भी संकमण की चपेट में आ रहा है। कोरोना के इस संक्रमण को रोकने हेतु समस्त कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक सीमित करने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।

संघ के योगेन्द्र दुवे, अर्वेन्द राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, मुन्ना लाल पटैल, तरूण पंचौली, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मो. तारिख, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी महेश कोरी, विनय नामदेव, मनोज सेन, प्रणव साहू, गणेश उपाध्याय, श्याम नारायण तिवारी, आदित्य दीक्षित आदि ने मुख्यमंत्री को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजा है।

पत्र में मांग कीगई है कि प्रदेश में बढते मरीजों की संख्या के दृष्टिगत पूर्व की भांति समस्त कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक सीमित की जावे तथा जिस विभाग,कार्यालय अथवा कमरे में यदि कोई कर्मचारी संक्रगित पाया जाता है तो उस कार्यालय को सात दिनों के लिए सील किया जावे। कृपया उक्त सुझाव मान्य करने का कष्ट करें ताकि संक्रमण के फैलाव  को रोका जा सके।