देश के प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने बताया कि अभी कोरोना वायरस की तीसरी लहर भी आना है। उससे हमें सावधानियां बरतना है। मैं इसके पूर्व कोरोना वायरस पर तीन भविष्यवाणीयां कर चुका हूं। हर भविष्यवाणी बिल्कुल सटीक उतरी है।
12 मई 2020 को यूट्यूब पर प्रसारित कोविड-19 के बारे में मेरी भविष्यवाणी में यह कहा गया था की 16 जुलाई 2020 तक कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आएगी और उस समय तक कोई कमी नहीं आई। उसी में यह भी कहा गया था कि 27 सितंबर 2020 को पहली वैक्सीन उपलब्ध होगी तथा रूस ने स्पुतनिक वैक्सीन बनने की घोषणा 21 सितंबर 2020 को की।
इसके पश्चात 16 मई 2020 को कोरोनावायरस और मजदूरों के पलायन नाम से वीडियो यूट्यूब पर प्रसारित किया गया था। इसमें कहा गया था कि 13 जुलाई 2020 से 19 अगस्त 2020 के बीच मजदूरों के लिए शासन की तरफ से मदद प्रारंभ हो जावेगी। इसी बीच में फैक्ट्रियां भी चालू होंगी। मजदूरों का कार्य स्थल पर आना प्रारंभ होगा और यह सब भविष्यवाणियां बिल्कुल सही घटित हुई।
तीसरा वीडियो जो दिनांक 17 दिसंबर 2020 को प्रसारित हुआ था उसमें कहा गया था की कोरोनावायरस अभी लगातार बढ़ेगा तथा 29 जून 2021 से लोगों के अंदर से कोरोनावायरस का डर समाप्त होने लगेगा अर्थात एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी प्रारंभ होगी। टीकाकरण का अभियान तेजी से चलेगा। इसी वीडियो में यह भी कहा गया था कि 28 सितंबर 2021 के उपरांत कोरोना वायरस का डर लोगों के बीच से बिल्कुल समाप्त हो जाएगा। यह दोनों समय अभी आना शेष है ।
मैं पहले बता चुका हूं कि मैंने भारतीय ज्योतिष के नियमों के अनुसार भारत की कुंडली तैयार की है जो कि कन्या लग्न की है। भारतवर्ष की वर्तमान कुंडली जो कि 15 अगस्त के रात 12 बजे के अनुसार बनाई गई है। भारतीय ज्योतिष के नियमों के अनुसार गलत है। यह कुंडली मैंने काफी रिसर्च के उपरांत बनाई है। इसमें भारतीय ज्योतिष के सभी मानकों का ध्यान रखा गया है। भारतवर्ष की वृष लग्न की कुंडली से सही परिणाम नहीं मिलते हैं। क्योंकि रात्रि के 12 बजे भारत का अवतरण बताना भारतीय ज्योतिष के अनुसार गलत है ।
भारतवर्ष की कुंडली में कालसर्प योग है। जब जब कालसर्प योग आता है भारत में कई तरह की भयानक घटनाएं घटित होती हैं। कोरोना वायरस का कालसर्प योग से विशेष संबंध है। 7 जनवरी 2020 से कालसर्प योग प्रारंभ हुआ था, जो कि 17 जुलाई 2020 तक रहा। हम सभी जानते हैं कि 30 जनवरी को भारतवर्ष में कोरोनावायरस का पहला रोगी मिला था।
गौरतलब है कि 9 जनवरी 2021 से 13 अप्रैल 2021 तक कालसर्प योग था। 11 फरवरी को 9309 कोरोना वायरस के केस पूरे भारतवर्ष में आए थे। इसके उपरांत कोरोनावायरस के नए केस तेजी से बढ़ने लगे थे। अर्थात कालसर्प योग प्रारंभ होने के 1 महीने के बाद से दूसरी लहर आना प्रारंभ हो गई थी।
इसी प्रकार पिछली बार भी कालसर्प योग प्रारंभ होने के 20 दिन बाद कोरोना वायरस के प्रकरण आना प्रारंभ हुए थे। अगर इस गणित को हम माने तो अगली बार 5 जनवरी 2022 से कोरोनावायरस के की तीसरी लहर संभावित होगी तथा इसके 1 माह पश्चात अर्थात 5 फरवरी 2022 के बाद इसमें तेजी आना प्रारंभ होगा।
अब हम भारतवर्ष की मेरे स्वयं के द्वारा रिसर्च कर बनाई गई कुंडली के अनुसार तीसरी लहर के बारे में विचार करते हैं।कोरोनावायरस की पहली लहर मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा शनि के प्रत्यंतर दशा प्रारंभ हुई। अधिकतम 97,894 प्रकरण 16 सितंबर 2020 को आए थे। उस समय मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा में चंद्रमा के प्रत्यंतर में बुद्ध की सूक्ष्मदशा प्रारंभ हुई थी।
इस कुंडली के अनुसार मंगल की महादशा में केतु के अंतर में केतु का प्रत्यंतर 10 फरवरी 2022 से प्रारंभ हो रहा है। कुंडली में केतु ग्रह वायरस जनित रोगों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल इस कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी है। अष्टम भाव मृत्यु के बारे में विचार करता है। इस कुंडली में मंगल दशम भाव में बैठा है जो राज्य का भाव है। यह बताता है कि उस समय राज्य किसी कारण बस 18 फरवरी तक ध्यान नहीं दे पाएगा और इस बीच में कोरोना के प्रकरण बढ़ेंगे, जिस पर शासन द्वारा 15 मार्च 2022 के बाद काबू कर लिया जाएगा
परंतु कालसर्प योग उस समय 13 अप्रैल 2022 से 25 अप्रैल 2022 तक है। 25 अप्रैल 2022 तक तीसरी लहर समाप्त नहीं हो पाएगी। इस कुंडली में मंगल में मंगल की महादशा में केतु की अंतर्दशा में गुरु का प्रत्यंतर 5 मई से प्रारंभ होगा। इस समय कोरोनावायरस पर काफी हद तक कंट्रोल हो जाएगा, परंतु कोरोना वायरस समाप्त नहीं होगा। मंगल की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा में सूर्य का प्रत्यंतर 8 सितंबर 2023 में आएगा और इस समय कोरोना वायरस भारतवर्ष में या तो नाम मात्र का ही बचेगा या समाप्त हो जाएगा।
प्रश्न कुंडली बनाकर विचार करने के लिए आप लोगों से पाए गए प्रश्नों पर क्या कोरोनावायरस की तीसरी लहर आएगी। मैंने एक प्रश्न कुंडली बनाई है। यह कुंडली सिंह लग्न की है।केतु इसके चौथे भाव में है। शनि छठे भाव में है। गुरु सातवें भाव में है। चंद्रमा आठवें भाव में है। सूर्य नवम भाव में है। दशम भाव में बुध और शुक्र है और एकादश भाव में मंगल है।
इस कुंडली में वर्तमान में बुध में शनि में शनि की प्रत्यंतर दशा चल रही है जो कि 30 मार्च 2021 से प्रारंभ हो रही है। शनि इसमें छठे भाव का स्वामी है अतः यह एक प्रबल मारकेश है। हम यह देख भी रहे हैं ,कि 30 मार्च से कोरोना वायरस के नए प्रकरणों में बड़ी तेजी आई है और एक्टिव मरीजों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। इस कुंडली के अनुसार बुद्ध की प्रत्यंतर दशा 1 सितंबर 2021 से प्रारंभ होगी। अतः 1 सितंबर 2021 के बाद कोरोना वायरस के दूसरी लहर के प्रकरणों में काफी कमी आना प्रारंभ हो जाएगा।
इस कुंडली के अनुसार 18 जनवरी 2022 से बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा में केतु का प्रत्यंतर प्रारंभ होगा। जोकि तीसरी लहर आने का संकेत है। अतः हम कह सकते हैं कि इस समय से तीसरी लहर की आने की संभावना है।
इस समय प्रश्न कुंडली के गोचर की छठे भाव में सूर्य बुध और शनि हैं। अतः यह समय परेशानी वाला होगा। मंगल उच्च का होकर 26 फरवरी 2022 से छठे भाव में आएगा इस समय के बाद तीसरी लहर का प्रभाव कम होना प्रारंभ हो जाएगा।
इस प्रकार हम देखते हैं कि कालसर्प योग के अनुसार कोरोना वायरस के तीसरी लहर का प्रारंभ 5 जनवरी 2022 से है। परंतु इसमें तेजी 5 फरवरी 2022 के बाद आएगी। भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार 10 फरवरी 2022 से तीसरी वेब के आने की संभावना है। प्रश्न कुंडली के अनुसार भी इसी अवधि में तीसरी लहर की आने की संभावना है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जनवरी 2022 के महीने कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना है। जिसका असर फरवरी मार्च एवं अप्रैल 2022 में रहेगा। परंतु उस समय राज्य शासन के ग्रहों के प्रबल होने के कारण तथा तैयारियां प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा पाएगी।
अब हम इसकी तुलना आधुनिक विज्ञान से करते हैं एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि कोरोनावायरस की तीसरी लहर भी आएगी। परंतु कब आएगी, इस बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है।
द हिंदू ने अपने लेख में लिखा है कि भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने बताया है कि कोरोना वायरस की तीसरी वेब का आना अवश्यंभावी है, परंतु समय के बारे में उसमें उन्होंने कुछ नहीं लिखा है। गिरधर बाबू जो कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ बेंगलुरु में हैं उन्होंने बताया है कि तीसरी वेब नवंबर या दिसंबर में आएगी।
मैंने इस आलेख में आपको आधुनिक विज्ञान तथा वैज्ञानिक ज्योतिष के आधार पर यह बताने का प्रयास किया है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर कब आएगी। आधुनिक विज्ञान के अनुसार नवंबर 2021 या दिसंबर के महीने में आएगी, परंतु ज्योतिष के अनुसार जनवरी या फरवरी 2022 में आएगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ज्योतिष की भविष्यवाणी सही साबित होगी।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल पांडेय
सागर, मध्य प्रदेश