मध्य प्रदेश यूनाईटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों के सभी विद्युत कर्मियों को फ्रंटलाईन वर्कर घोषित करने की मांग की है।
यूनाईटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार का कहना है कि मप्र शासन के राजस्व विभाग के आदेश के परिशिष्ट-2 की कंडिका-3 में पात्रकर्मी की परिभाषा के अनुसार विद्युत कर्मियों को प्रत्यक्ष रूप से सेवायें देने वाले कर्मियों की श्रेणी में माना जाये, तभी इसका लाभ विद्युत कर्मियों को मिल पायेगा।
उन्होंने इसके लिये ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया है कि उक्त कंडिका के अनुसार स्पष्टीकरण जारी करने हेतु ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया जाये और विद्युत कर्मियों को प्रत्यक्ष रूप से सेवायें देने वाले कर्मियों की श्रेणी में माना जाये, जिससे मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ सभी विद्युत कर्मियों को मिल सके।
यूनाईटेड फोरम ने कहा कि फील्ड में कार्यरत नियमित, संविदा एवं आऊटसोर्स विद्युत कर्मी लगातार विद्युत व्यवस्था बनाये रखने में जुटे हुये हैं, जिससे वे बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे है एवं उन्हें सही तरीके से उपचार नहीं मिल पा रहा है, यह अति दुर्भागयपूर्ण है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं प्रबंध संचालकों द्वारा विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाये रखने हेतु सभी जिला कलेक्टरों को टीकाकरण में विद्युत कर्मियों को प्राथमिकता देने हेतु पत्र लिखा गया है, लेकिन दुखद है कि किसी भी जिला कलेक्टर द्वारा इन पत्रों पर कोई भी संज्ञान लेकर टीकाकरण में विद्युत कर्मियों को कोई भी प्राथमिकता नहीं दी जा रही है।
इस पर यूनाईटेड फोरम ने आगाह किया है कि विद्युत कर्मियों के अधिक संख्या में संक्रिमत होने के कारण भविष्य में विद्युत व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है, अत: फोरम मांग करता है कि सभी जिला कलेक्टरों को पुन: मुख्यमंत्री से निर्देशित कराया जाये, जिससे सभी मैदानी कर्मचारी जिनकी उम्र 45 वर्ष से नीचे है उनको प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जा सके।
साथ ही यूनाईटेड फोरम ने कहा कि विद्युत व्यवस्था, कोविड़-19 की रोकथाम हेतु एक महत्वपूर्ण कारक है, जिससे सभी अस्पताल, कोविड केयर सेंटर एवं अन्य कार्यालय सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, अत: ऐसे महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुये प्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 की रोगथाम में संलग्न कर्मी माना जाना चाहिये।
इसके अलावा सभी वर्गों के अधिकारी एवं कर्मचारी जिनकी विगत तीन माह में विद्युत व्यवस्था बनाये रखने के दौरान मृत्यु हुई है, उनको 50 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाये एवं उनके आश्रितों को नियमित अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाये।