कोविड-19 के लिये गठित राष्ट्रीय कार्यबल के परामर्श के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के दौरान दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी पर रोक लगा दी है। सरकार ने पाया कि कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं हुई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार कार्यबल ने व्यस्क कोविड-19 मरीजों के लिए उपचार संबंधी नैदानिक परामर्श में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया। वहीं आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है।
इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम संक्रमित मरीजों को कोविड वार्ड और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है।