मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत आने वाले 33×11 केवी सब-स्टेशनों में तमाम नियमों दरकिनार कर 8 विद्युत कर्मियों के स्थान पर सिर्फ 3 कर्मियों 3 से कार्य कराया जा रहा है। इन सब-स्टेशनों में अधिकांशतः आउटसोर्स कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन साथ में कुछ नियमित और संविदा कर्मियों को भी तैनात कर दिया जाता है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत कंपनी और ठेकेदार श्रम नियमों का उल्लंघन कर सभी श्रेणी के विद्युत कर्मियों का शोषण कर रहे हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने 3 अप्रैल 2021 को पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि आपकी कंपनी के अंतर्गत 20 जिलों में 33×11 केवी सब-स्टेशनों में हजारों की संख्या में आउटसोर्स ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं। विद्युत मंडल के नॉर्म्स के अनुसार एक सब-स्टेशन में चार ऑपरेटर, चार हेल्पर की अति आवश्यकता होती है। जैसे चौबीस घंटे 3 शिफ्टों में कार्य किया जाता है।
प्रत्येक शिफ्ट में एक ऑपरेटर एक हेल्पर होना चाहिए, कुल 3 शिफ्ट में 6 लोगों की जरूरत पड़ती है, जब 6 लोग साप्ताहिक अवकाश पर जाते हैं तो दो लोग उनकी जगह कार्य करते हैं। जब से कंपनी बनी है तब से विद्युत मंडल के नॉर्म्स कंपनी प्रबंधन के द्वारा खत्म कर दिए गए हैं।
पूर्व क्षेत्र कंपनी के द्वारा प्रत्येक सब स्टेशनों, जहां पर 8 विद्युत कर्मियों की जरूरत है, वहां पर केवल तीन ऑपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से रखकर कार्य कराया जा रहा है। उन ऑपरेटरों से 30 दिन काम लिया जाता है। कोई अवकाश नहीं दिया जाता है एवं 26 दिनों का वेतन दिया जाता है। इस बात को लेकर अनेक बार जमीनी अधिकारियों को संघ के द्वारा लिखित अवगत कराया गया है।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, सुरेंद्र मेश्राम, शशि उपाध्याय, टी डेविड, महेश पटेल, पीएन मिश्रा, घनश्याम गौड, संतोष पटेल, विष्णु दास पनिका, दयाराम झारिया, मुकेश पटेल, राकेश केवट, गोपाल सिंह राजपूत, सुशील पाठक आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि वर्तमान में सब स्टेशनों में जो ऑपरेटर्स कार्य कर रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाए एवं विद्युत मंडल के नॉर्म्स के अनुसार ड्यूटी कराई जाए।