मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा कोरोना वायरस का संक्रमण अपने चरम पर है, जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है, वहीं समाज एवं देश के दुश्मन, सिटी अस्पताल संचालक पहले जीवन रक्षक दवाओं की काला बाजारी, नकली दवा, रेमडेसिविर इंजेक्शन के फर्जी कारोबार में प्रशासन द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है संचालक के अनेक कारनामें सामने आ रहे हैं। संचालक द्वारा शासन की लचर व्यवस्था एवं अनदेखे रवैये के कारण आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं में सेंधमारी करते हुए फर्जी नर्सिंग एवं पैरामैडिकल कॉलेज भी खोल रखे गये हैं। जो एमपी नर्सिंग काउंसिल के नियमों के विपरित संचालित हैं, जिसमें अध्ययनरत छात्रों से भारी-भरकम रकम लेकर उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
संघ के आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, डॉ संदीप नेमा, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी. गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, कैलाश धवलकर, आर. एस. राजपूत, योगेन्द्र मिश्रा, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी, पवन ताम्रकार, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला आदि ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव म.प्र. शासन को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर कहा है कि निष्पक्ष एवं गहन जांच कराते हुए सिटी अस्पताल संचालक द्वारा संचालित नर्सिंग एवं पैरामैडिकल कालेज की मान्यता समाप्त की जाये तथा मान्यता जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये।