मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ अध्यापक प्रकोष्ठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों के विरुद्ध शासन द्वारा किये जा रहे सौतेले व्यवहार का खामियाजा उन्हें और उनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है।
जहां एक ओर शासन द्वारा अध्यापकों से कोरोना की पहली लहर से वर्तमान तक संक्रमण की रोकथाम हेतु विभिन्न कार्य जैसे कंटोमेंट जोन का सर्वे, चुंगी नाकों पर ड्यूटी, कंटोल रूम में ड्यूटी, अनाज वितरण, घर-घर सर्वे, वैक्सीन का सर्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड पर ड्यूटी, एरोड्रम में ड्यूटी आदि में लगाया गया है। जहाँ पर बखूबी वे अपने कर्तव्यों व दायित्वों को निर्वाहन कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर शासन की दोहरी नीति का खामियाजा मृत अध्यापक के परिवार के आश्रितों को उठाना पड़ रहा है। विगत 15 माह में अध्यापक संवर्ग के सैकड़ों लोक सेवक कोरोना संक्रमण की रोकथाम के चलते संकमण का शिकार होकर शहीद हो चुके हैं। शासन द्वारा उनके परिवार के आश्रितों को 50 हजार अनुग्रह राशि तथा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत 1500 से 2000 रुपये पेंशन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है, जिसके चलते परिवार टूट कर बिखर जाता है।
जब शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को नियमित कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारियों का दर्जा दे दिया गया है, तो नियमित कर्मचारियों के समान ही उन्हें भी नियुक्ति दिनांक से ग्रेच्युटी का लाभ प्रदान किया जावे ताकि बुरे समय में यह राशि सेवानिवृत्त अध्यापक या उसके आश्रित परिवार के लिए अर्थिक रूप से संबल की संजीवनी बन सके।
संघ के मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, सुनील राय, अजय सिंह ठाकुर, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, राकेश उपाध्याय, मनोज सेन, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, प्रियांशु शुक्ला, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डेय, मनीष शुक्ला, राकेश पाण्डेय विनय नामदेव, नितिन शर्मा, महेश कोरी, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, ब्रजेश गोस्वामी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, पवन ताम्रकार, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, संतोष तिवारी, जय प्रकाश गुप्ता, आनंद रैकवार, वीरेन्द्र धुर्वे, मनोज पाठकर, सतीश पटेल आदि ने मुख्यमंत्री को ई-मेल भेजकर मांग की है कि जब शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग को राज्य शिक्षा सेवा में सम्मिलित कर लिया गया है तो उन्हें भी नियमित कर्मचारियों से समान नियुक्ति दिनांक से ग्रेच्युटी स्वीकृत की जाये।