मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल कॉलेज जबलपुर से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत उप कुलसचिव के व्यवहार एवं प्रताडना से कर्मचारी त्रस्त हैं। इनके द्वारा कर्मचारियों को दुर्भावनावश गलत कार्य करने के लिए दबाव डाला जाता है। उप-कुलसचिव पर आउटसोर्स कर्मियों के समक्ष नियमित कर्मचारियों को अपमानित किया जाता है, कर्मचारी इनके दुर्व्यवहार से आहत हैं।
यूनिवर्सिटी में कार्यरत नियमित सहा. ग्रेड-3 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की साजिश रचने का भी इन पर आरोप है। पूर्व में भी इनको परीक्षा में लापरवाही एवं गड़बड़ी के कारण शासन द्वारा इन्हें हटा दिया गया था, इनके पुन: प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने से कर्मचारियों को प्रताड़ित कर गलत कार्य कराने का दबाब बनाया जाता है। जनता कर्फ्यू के दौरान शासन द्वारा समस्त प्रकार के कार्यालय आदि पूर्णत: बंद रखे गये हैं, फिर भी उप-कुलसचिव के द्वारा समस्त कर्मचारियों को प्रत्येक कार्य दिवस पर कार्यालय आने हेतु बाध्य कर कोरोना महामारी में झोंका जा रहा है।
उप कुलसचिव विश्वविद्यालय में शासन के आदेश के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर फुलटाईम पर पदस्थ है, परन्तु फिर भी नियमों के विपरीत जाकर उप-कुलसचिव का वेतन प्रोफेसर पद की सीनियरिटी का लाभ दिलाने के लिये इनका वेतन नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर से नियम विरूद्ध तरीके से डीन एवं विभागाध्यक्ष-बायोकेमिस्ट्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर के साथ सांठगांठ करके निकाला जा रहा है, अत: इनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जाये।
संघ के योगेंद्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, मुन्नालाल पटैल, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, आर.के. गुलाटी, नितिन शर्मा, श्याम नारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, विजय कोष्टी, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, गणेश उपाध्याय आदि ने मध्य प्रदेश की राज्यपाल को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की गई है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पद पदस्थ उप कुलसचिव डॉ. तृप्ति गुप्ता के कारनामों की जांच कर उनकी तत्काल प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाये।