मध्य प्रदेश के एकमात्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने वालों पर की जाए कार्यवाही

मध्य प्रदेश के एकमात्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के नियमित कर्मियों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा में हो रही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर अंकुश लगाने और इन घटनाओं की शीघ्रता से जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही किये जाने के लिए ज्ञापन सौंपा।

अपने ज्ञापन में नियमित कर्मियों ने बताया कि संस्थान में विगत कुछ महीनों से कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है। इन घटनाओं में गोपनीय रिकॉर्ड को जानबूझकर नष्ट करने का प्रयास, उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल अवैध रूप से जलाने का प्रयास किया गया।

इसके अलावा विश्वविद्यालय आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कार्यरत् डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कर्मचारियों के द्वारा छात्र-छात्राओं से माईग्रेशन, प्रोविजनल, अंकसूची, डिग्री निकलवाने के लिये नियमित कर्मचारियों के नाम पर पैसे की मांग करके खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इन आउटसोर्स कर्मचारियों का माह अप्रैल का वेतन बिना उपस्थिति सत्यापन के पारित करके लाभन्वित किया गया है।

विश्वविद्यालय में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कार्यरत् कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया है। विश्वविद्यालय के कार्य गोपनीय प्रकृति के होते हैं, बिना पुलिस सत्यापन के आउटसोर्स एजेंसी के कर्मचारियों से कार्य कराने से विश्वविद्यालय में हुई उक्त घटनाओं में आउटसोर्स एजेंसी के कर्मचारियों के हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

विश्वविद्यालय भवन में नितिन गुप्ता नाम का बाहरी व्यक्ति जिसके सिर पर बाल नहीं है के विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों से अत्यंत मधुर संबंध है। यह बाहरी व्यक्त्ति विश्वविद्यालय की कार से विश्वविद्यालय के अधिकारी के साथ विगत दिनों विश्वविद्यालय में आता रहा है। इस बाहरी व्यक्ति को अधिकारियों का खुला संरक्षण प्राप्त है और इसे विश्वविद्यालय के अधिकारियों के कक्ष में कई बार देखा भी गया है।

यह बाहरी व्यक्ति गोपनीय शाखा के कुछ अधिकारियों की शह पर गोपनीय शाखा की अति संवेदनशील जगहों पर भी देखा गया है। गोपनीय शाखा में विगत माहों में हुई आपराधिक घटनाओं में जिसकी सूचना थाने में भी दी गई है। इस व्यक्ति का हाथ होने की संभावना है।

दो दिवस पूर्व ही एक अन्य बाहरी व्यक्ति द्वारा विश्वविद्यालय में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करके विश्वविद्यालय के प्रथम तल में जाकर परीक्षा नियंत्रक डॉ वृंदा सक्सेना एवं सहायक कुलसचिव डॉ पंकज बुधोलिया के सामने अनैतिक भाषा का प्रयोग करके धमकाया गया एवं शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई, जिसकी लिखित सूचना परीक्षा नियंत्रक द्वारा थाना गढ़ा जबलपुर में प्रेषित की गई है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि उक्त घटना के पूर्व उसी दिन उक्त बाहरी व्यक्ति भूतल स्थित कक्ष में अधिकारी से चर्चारत् देखे गये थे।

बाहरी व्यक्तियों को विश्वविद्यालय के भवन में बे-रोक टोक के अधिकारियों की शह पर आना-जाना विश्वविद्यालय में उपरोक्त बिन्दुओं में वर्णित दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण घटनाओं में लिप्त होने का संदेह उत्पन्न करता है, इसकी जांच की जाना चाहिये।

विश्वविद्यालय के नियमित कर्मी सचिन बर्मन, पी. रॉबिन, श्वेता यादव, प्रेम कल्लू झरिया, राहुल कोष्टा, केशव शुक्ला, नितिन मिश्रा, गौरव गुप्ता, अजय तिवारी, रोहित राजकुमार, कल्पना थोराट आदि ने कुलपति से अनुरोध किया है कि उक्त्त बिन्दुओं पर तत्काल ध्यान देकर जांच करायें एवं जिन बिन्दुओं पर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है उनमें शीघ जांच करके दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु पुलिस थाने को तत्काल पत्र भेजा जाये ताकि विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने वाले व्यक्ति को दंड मिल सके।