मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर बताया कि मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रबंधनों की हीलाहवाली के चलते कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिकों को एनपीएस का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
यूनाईटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार ने पत्र में ऊर्जा मंत्री को संबोधित कर कहा कि मप्र शासन द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत शासकीय अंशदान की राशि वेतन और महगाई भत्ता का 14 प्रतिशत करने का आदेश संदर्भित पत्र से जारी किया गया है, जिसे मप्र की सभी विद्युत कंपनियों में भी लागू कराने हेतु संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें।
उन्होंने कहा कि उपसचिव मप्र शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक सी-5 2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 5 जून 2018 द्वारा जारी संविदा नीति हेतु दिशा-निर्देश के बिंदु क्रमांक 1.14.3 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जिन संविदा कर्मचारियों को पूर्व से ईपीएफ अथवा राष्ट्रीय पेंशन योजना योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हो, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जाये।
परंतु मध्य प्रदेश की दो वितरण कंपनियों क्रमश: पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के संविदा कर्मियों को वर्तमान में उक्त लाभ नहीं दिया जा रहा है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के संविदा कर्मियों के वेतन से ईपीएफ कटौती की जा रही है अन्य दो वितरण कंपनियों के संविदा कार्मिकों को उक्त योजना का लाभ 2018 से नहीं दिया जा रहा है, जबकि तीनो वितरण कंपनियों में एक समान संविदा नियम-2018 लागू है। पूर्व में 2012 से 2018 तक वितरण कंपनियों द्वारा एनपीएस कटौती की गयी एवं 2018 से अचानक उक्त कटौती बंद कर दी गई गयी।
जिससे हजारो संविदा कार्मिकों का लाखो रुपये एनपीएस एकाउंट में जमा है एवं वितरण कंपनियों द्वारा उक्त पैसे के सम्बंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिये जा रहे है और न ही पैसा लौटाया जा रहा है और न ही उक्त पैसा पीपीएफ अथवा ईपीएफ एकाउंट में डाला जा रहा है।