मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रगत शैक्षणिक अध्यायन संस्थान (पीएसएम) जबलपुर द्वारा बीएड के लगभग 130 एवं एमएड के 20 छात्रों को 30 जून 2020 को दो वर्ष के प्रशिक्षण उपरांत अपनी-अपनी संस्थाओं के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था।
इन छात्रों से बैंक खातों की जानकारी, पुस्तकालय का नो-डयूज व अन्य नो-डयूज प्राप्त करने के बाद भी आज तक उनके जमा कॉशन मनी लौटाने की जहमत नही उठाई गई। जब भी छात्र अपनी कॉशन मनी वापस मांगने के लिए संस्थान में जाते हैं उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया जाता है और बताया जाता है कि प्राचार्य वृन्दावन या भोपाल प्रवास पर हैं।
प्राचार्य आये दिन मुख्यालय से बाहर रहते हैं व इनके द्वारा मुख्यालय छोडने पर संस्थान के किसी सीनियर अथवा जिम्मेदार अधिकारी को प्रभारी नहीं बनाया जाता है और न ही वरिष्ठ अधिकारियों से मुख्यालय छोड़ने की अनुमति प्राप्त की जाती है।
छात्र अपनी कॉशन मनी के लिए बार-बार भटक रहे हैं और उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर संस्थान से प्राप्त नहीं होता है। जब महाविद्यालय द्वारा छात्रों से समय पर शुल्क जमा न करने पर विलंब शुल्क लिया जाता है, तो प्राचार्य द्वारा विलंब से कॉशन मनी वापस किये जाने पर ब्याज सहित कॉशन मनी वापस की जानी चाहिए, जबकि कॉशन मनी की जमा राशि पर बैंक से ब्याज प्राप्त किया जाता है। प्राचार्य छात्रों की जमा कॉशन मनी का ब्याज डकार रहे हैं ।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अवधेश तिवारी, संजय यादव, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, चंदू जाउलकर, नंदू चंसौरिया, अरूण दुबे, आर.के. गुलाटी, दुर्गेश पाण्डेय, गोविन्द बिल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी. गुप्ता, विपिन श्रीवास्तव, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, उमेश शर्मा, सुधीर पण्डया, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, बिटू आलोवालिया, अंकुर प्रताप सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एस.पी. बाथरे आदि ने प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा व आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को ई-मेल भेजकर डॉ राम कुमार स्वर्णकार, प्राचार्य, प्रगत शैक्षणिक अध्यायन संस्थान जबलपुर के विरुद्ध अनुसाशनात्मक कार्यवाही करते हुए कॉशन मनी ब्याज सहित वापस दिलाये जाने की मांग की है।