मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय महिला कर्मचारियों के लिए केन्द्र सरकार की तर्ज पर संतान पालन अवकाश (सीसीएल) लगभग तीन वर्ष पूर्व प्रारंभ की गई थी। जिसमें 0 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों की माताओं महिला कर्मचारियों को 730 दिवस का लगातार या किस्तों में संतान पालन अवकाश स्वीकृत जाने के आदेश दिये गये थे।
इसका महिला कर्मचारियो द्वारा लाभ भी लिया गया, परन्तु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिसम्बर 2019 से महिला शिक्षकों के लिए स्वीकृत संतान पालन अवकाश पर रोक लगा दी गई है। जिससे सैकड़ों महिला शिक्षकों, जिनके बालक-बालिकायें 18 वर्ष से अधिक के हो चुके हैं या होने वाले है उन्हें इस अवकाश के लाभ से वंचित रहना पड रहा है।
शासन द्वारा महिला शिक्षकों का यह अवकाश अपने बच्चों की देखभाल करने के साथ साथ बोर्ड परीक्षाओं की तैयार के लिए दिया जाता हैं। शासन द्वारा संतान पालन अवकाश पर रोक लगाने के बाद डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी रोक नहीं हटाई गई है, जिसके चलते महिला शिक्षकाओं में अत्याधिक रोष व्याप्त है।
संघ की निर्मला बिल्थरे, ममता यादव, सीमा सिंह, संध्या अवस्थी, विनीता सिंह, देवी नाग, सुनीता जैन, वर्षा अग्रवाल, रूचि मिश्रा, प्रतिभा उपाध्याय, रितु दुबे, अंजना राय, गरिमा चौबे, चेतना दुबे, रचना उपाध्याय, पूर्णिमा नामदेव, रेणु मिश्रा, रागनी राय, दीपलता ठाकुर, नीलम विश्वकर्मा, गीता सोनी, भीमा तोमर, संध्या साहू, जनवंति जाट, बब्ली दहायत आदि ने मुख्यमंत्री व आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल को ई-मेल कर संतान पालन अवकाश पर लगी रोक हटाने की मांग की है।