मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एसआईएसई जबलपुर का एक और कारनामा फिर सामने आया है। एमएड करने वाले छात्राध्यापकों को एमएड कोर्स के शोध कार्य के तहत अभी संशोधन एवं सुधार कार्य विभाग ने नहीं कराया है, फिर भी 29 जून को शोध कार्य की हार्ड एवं सॉफ्ट कापी जमा करने के निर्देश दिये गये हैं।
एमएड छात्राध्यापकों को 20 जून को रिसर्च प्रभारी द्वारा लधु शोध कार्य चेक कराने तथा रिसर्च कमेटी के साथ परिचर्चा की बात कही गई थी। किन्तु अब तक विद्यार्थियों के शोध कार्य में आवश्यक सुधार व संशोधन ही पूर्ण नहीं हो पाया है और यह तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है।
छात्राध्यापकों का यह चतुर्थ सेमेस्टर है, 12 जून तक ऑनलाईन क्लास चल रही थी,जिसमें असाइनमेंट का प्रेजेंटेशन भी चल रहा था। जिस कारण छात्राध्यापकों को शोध कार्य की हार्ड एवं साफट कापी तैयार करने का समय ही नहीं मिला फिर भी संस्था की संचालक एवं शोध प्रभारी पीडी मिश्रा द्वारा 29 जून तक उत्तर पुस्तिका जमा करने की अंतिम तिथि देकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मुन्नालाल पटैल, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, चंदु जाउलकर, निर्मल चंसोरिया, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी.गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, नितिन शर्मा, विजय कोष्टी, श्यामनारायण तिवारी, गणेश उपाध्याय, प्रणव साह, संतोष तिवारी आदि ने कमिश्नर जबलपुर संभाग को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि एमएड के शोध कार्य की हार्ड एवं सॉफ्ट कापी जमा कराने का समय बढा जाये।