मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण इस सत्र में भी अभी तक स्कूल नहीं खुले हैं और सरकार ने आगामी महीनों में भी स्कूल खलने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही है।
इसके बावजूद निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा मनचाही फीस वृद्धि कर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। शासन द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए 4 नवम्बर 2020 को आदेश जारी किया गया था, जिसमें कोरोना महामारी समाप्त होने तक व स्कूल भौतिक रूप से शुरू होने तक सिर्फ ट्यूशन फीस लिये जाने के आदेश निजी स्कल प्रबंधन के लिये दिये थे।
परन्तु शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुये शहर के नामचीन निजी स्कूल संचालकों द्वारा वर्तमान सत्र में पूरी फीस जमा किये जाने के लिये अभिभावकों को जबरिया प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे स्कूल के बालक व पालक मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं।
प्रदेश शासन के उक्त आदेश में स्कूल प्रबंधन को 10 प्रतिशत तक ट्यूशन फीस में वृद्धि के आदेश दिये गये थे, परन्तु निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा मनचाही फीस में वृद्धि कर अभिभावकों से अवैध वसुली का रास्ता खोल लिया गया है। जिससे बालक व पालक दोनों ही परेशान हो रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्यवाही न किये जाने के कारण निजी स्कल प्रबंधन के हौसले बुलंद है और वे मनमानी पर उतारू हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, सुधीर खरे, एआई मंसूरी, यूएस करौसिया, बृजेश ठाकुर, अमित नामदेव, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, मुन्ना लाल पटैल, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, सरेन्द्र जैन, डॉ संदीप नेमा, राकेश सेगर, तरूण पांचौली, नितिन अग्रवाल, श्याम नारायण तिवारी, नितिन शर्मा, वीरेन्द्र सोनी, मोहम्मद तारिक, प्रियांश शुक्ला, विजय कोष्टी, महेश कोरी, संतोष तिवारी, आदित्य दीक्षित, विनय नामदेव, संजय आदि ने कलेक्टर जबलपुर के नाम एसडीएम मेघा पवार को ज्ञापन सौंपकर नियम विरूद्ध फीस वृद्धि और वसूलने वाले प्रबंधकों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।