मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा 24 जून 2021 को राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारिया एवं कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति जारी की गई है। जिसमें 1 जुलाई से 31 जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए स्थानांतरण से प्रतिबंध को शिथिल किया गया है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा अपने विभाग के लोक सेवकों हेतु स्थानांतरण नीति जारी नहीं की गई है। जिसके कारण शिक्षा विभाग के लगभग 5 लाख अधिकारी, कर्मचारी, प्राचार्य, शिक्षक, अध्यापक, भृत्य आदि सभी असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें कहीं से कोई सही उत्तर नहीं मिल पा रहा है कि स्थानांतरण ऑनलाईन होंगे या ऑफलाईन?
विभागीय स्थानांतरण नीति जारी नहीं होने से लोक सेवक माननीयों के चक्कर काट रहे हैं कि कहीं से कोई अनुशंसा प्राप्त हो सके, परन्तु नीति जारी न होने के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है और उन्हें नीति जारी होने तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे लोक सेवक जो गंभीर बीमारी से ग्रसित है या सेवानिवृत्ति के करीब हैं, वे अपनी सविधानुसार स्वैच्छिक स्थानांतरण कराना चाह रहे हैं। परन्तु उन्हें कार्यालय व माननीयों के चक्कर काटने पड़ रहें है और कोई हल नजर नहीं आ रहा है।
अपने परिवार से दूर शासकीय कार्य संपादित करने वाले लोक सेवक वर्षभर स्थानांतरण नीति का इंतजार करते हैं, परन्तु विभाग की स्थानांतरण नीति समय से जारी न होने के कारण उन्हें स्थानांतरण की आवश्यक कार्यवाही करने में कम समय मिल पाता है, जिसके कारण उन्हें अत्याधिक परेशान होना पडता है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, संजय यादव, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, मुन्नालाल पटेल, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, गोविन्द बिल्थरे, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटेल, गोपाल नेमा, राजकुमार मिश्रा, अजय दुबे, मो. तारिक, वीरेन्द्र सोनी, श्यामानाराण तिवारी, नितिन शर्मा, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, देवदत्त शुक्ला, महेश कोरी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, पावन ताम्रकार आदि ने प्रदेश शिक्षा मंत्री एवं आयुक्त, लोक शिक्षण मप्र भोपाल को ईमेल भेजकर कर मांग की है कि शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति शीघ्र जारी की जाए एवं स्थानांतरण हेतु समयावधि में भी वृद्धि की जाये।