पॉवर इंजीनियर्स एवं एम्पलॉइज एसोसिएशन के महासचिव अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा 9 जून 2011 को समस्त विद्युत कंपनियों को जारी पत्र की कंडिका क्रमांक दो, जिसमे कंपनी द्वारा नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए मंडल द्वारा कंपनियों में अंतरित कनिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पदोन्न्ति दी गई थी।
इस संबंध में समस्त विद्युत कंपनियों के प्रबंध संचालक को संबोधित पत्र 9 जून 2011 की कंडिका क्रमांक दो जो की पूरी तरह असंवैधानिक है तथा कंपनी संवर्ग कार्मिको के अधिकारों का हनन है, को निरस्त किये जाने हेतु मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक-WP-11673/2021 लगाई गई थी।
जिसमे दिनांक 13 जुलाई 2021 को उच्च न्यायालय जबलपुर ने ऊर्जा विभाग को पॉवर इंजीनियर्स एवं एम्प्लाईज एसोसिएशन के इस संबंध में प्रस्तुत रिप्रेजेंटेशन को 60 दिवस की निश्चित समय सीमा में न्याय के परिपेक्ष्य में तय करने हेतु कहा है।