एमपी: पोर्टल से गायब हैं शिक्षकों के रिक्त पद, ऐसे में कैसे संभव है स्थानांतरण के लिए आवेदन

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश, शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 12 जून 2021 को राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति जारी की गई है। जिसमें ऑफलाइन आवेदन लेकर ऑनलाइन आदेश जारी किये जायेंगे।

स्थानांतरण नीति अनुसार 3 दिन में एज्यूकेशन पोर्टल को अपडेट कर रिक्त पद 15 जुलाई तक प्रदर्शित किये जाने के सख्त आदेश थे और संबंधित आवेदक को अपना स्थानांतरण आवेदन कार्यालय प्रमुख से सत्यापित कराकर 18 जुलाई तक जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत किये जाने का समय दिया गया था।

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला स्तर के प्रकरणों को छोड़कर राज्य स्तर से निराकृत होने वाले प्रकरणों को 19 जुलाई तक आयुक्त, लोक शिक्षण को प्रस्तुत किया जाना है। उक्त प्रक्रिया में आज तक पोर्टल में रिक्त पद की स्थिति प्रदर्शित न होने के कारण शिक्षक संवर्ग के लोक सेवक अपना स्थानांतरण आवेदन ही प्रस्तुत नहीं कर पाये हैं।

तीन दिन की समय सीमा में उक्त जटिल प्रक्रिया में आवेदन प्रस्तुत कर पाना एक चुनौती साबित हो रहा है। आवेदक पोर्टल पर रिक्त पद की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण अपने मन से ही रिक्त स्थान डालकर समय सीमा में आवेदन करने पर मजबूर है और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, परन्तु उन्हें रिक्त पद की जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है।

जब स्थानांतरण नीति की प्रथम शर्त रिक्त पद समय सीमा में पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हुए हैं तो कैसे स्थानांतरण संभव हो पायेगा। रिक्त पद प्रदर्शित न होने के कारण आवेदकों के आवेदनों का निराकरण संभव नहीं हो पायेगा और वर्षों से अपने परिवार से दूर स्थानांतरण की राह देख रहे लोक सेवक को उसका कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। जिसके फलस्वरूप शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों में भारी निराशा के साथ ही जारी की गई स्थानांतरण नीति के प्रति आक्रोश है।

शिक्षक संवर्ग पूर्व वर्षों की भांति ही ऑनलाइन स्थानांतरण प्रकिया को चालू करने की मांग कर रहा है, जिससे सभी को लाभ मिल सके। ऑफलाइन आवेदन लकर ऑनलाइन आदेश जारी करना समझ से परे है।

भोपाल में बैठे अधिकारियों द्वारा किसी भी जिलों के पोर्टल अपडेट नहीं करने से रिक्त पदों की सही जानकारी प्रदर्शित नहीं हो सकेगी, जिससे स्थानांतरण उद्योग बेरोक-टोक चल सकेगा। यदि पूर्व वर्षों की भांति ही पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया ऑनलाइन होती तो पारदर्शिता बनी रहती और शिक्षकों को उसका लाभ भी मिल पाता।

संघ के योगेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, सुनील राय, अजय सिंह ठाकुर, चन्द्रप्रकाश उसरेठे, तरूण पांचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्यामनारायण तिवारी, नितिन शर्मा, मनोज सेन, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, किशोर दुबे, अशीष शुक्ला, धोरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, देवदत्त शुक्ला, महेश कोरी, सोनल दुबे, अभिषेक मिश्रा, राकेश उपाध्याय, विनय नामदेव, विष्णु पाण्डेय, सुदेश पाण्डेय, मनीष शुक्ला, मनीष लोहिया, पवन ताम्रकार आदि ने स्कूल शिक्षा मंत्री एवं आयुक्त, लोक शिक्षण भोपाल को ईमेल भेजकर कर मांग की है कि विभाग द्वारा जारी फर्जी स्थानांतरण नीति को निरस्त कर, नई समय सारणी के साथ ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया चालू की जाये।