सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार यूं तो वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी की तिथि को कामिका एकादशी कहते हैं।
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कामिका एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के पूजन-अर्चन से भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है।
इस दिन पूजा के दौरान पीले वस्त्र, पीले कपड़ों से ढकी चौकी, पीले फूल और यथा संभव पीले रंग की ही पूजन सामग्री का उपयोग करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। कामिका एकादशी व्रत के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है।
इस बार कामिका एकादशी व्रत बुधवार 4 अगस्त को किया जाएगा। एकादशी तिथि 3 अगस्त को 12:59 बजे से प्रारंभ हो कर 4 अगस्त को 3:17 बजे समाप्त होगी। वहीं कामिका एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाएगा। द्वादशी तिथि 5 अगस्त गुरुवार को है। पंचांग के अनुसार कामिका एकादशी व्रत का पारण 5 अगस्त को प्रात: 5:45 बजे से सुबह 8:26 बजे के मध्य कर सकते हैं।