मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण आईसीएससी, केन्द्रीय परीक्षा बोर्ड एवं मप्र माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाई एवं हायर सेकेण्ड्री परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका है। परीक्षा परिणाम भी विद्यार्थियों के पूर्व परिणाम व आंतरिक मूल्यांकन को दृष्टिगत रखते हुए जारी किये गये हैं, जबकि विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क तीनों बोर्ड आईसीएससी, सीबीएससी एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल मप्र द्वारा लिया गया है।
तीनों बोर्ड में प्रदेश के हाई एवं हायर सेकेण्ड्री में लगभग 20 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होते हैं। जिसके अनुसार अरबों रूपये तीनों बोर्ड को प्राप्त हुए हैं, परन्तु खर्च हजारों में भी नहीं हुए हैं। कोरोना महामारी के दौरान अभिभावकों ने आर्थिक तंगी एवं बड़ी कठनाईयों से परीक्षा फीस जमा की है। तीनों बोर्ड द्वारा परीक्षा का आयोजन किये बिना ही परीक्षा परिणाम घोषित किये गये हैं। जिसके फलस्वरूप बोर्ड के पास अरबों रूपये की आय होने के बाद भी बिना खर्च के विद्यार्थियों को शुल्क वापस नहीं किया जा रहा है जो अत्यंत निदनीय एवं खेदजनक है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मुन्नालाल पटेल, दुर्गेश पाण्डेय, डॉ संदीप नेमा, राकेश सेंगर, बलराम नामदेव, अरूण दुबे, संतकुमार झीपा, एस.बी. मिश्रा, देवेन्द्र प्राताप सिंह, श्रीराम झारिया, ए. पासी, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, चन्दु जाउलकर, आर.के. गुलाटी, श्याम नारायण तिवारी, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, महेश कोरी, संतोष तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को ईमेल भेजकर विद्यार्थियों की परीक्षा फीस वापस किये जाने की मांग की है ।