मप्र की विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध एवं संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने आदि मांगों को लेकर कार्य एक दिवसीय कार्य बहिष्कार हड़ताल के बाद में बिजली कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों के संगठन संयुक्त मोर्चा ने 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
इसे देखते हुये सरकार के आला अधिकारी सक्रिय हो गये हैं और संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसी के तहत आज गुरूवार को 3:30 बजे प्रमुख सचिव ऊर्जा ने संयुक्त मोर्चा को चर्चा के लिए बुलाया है। खबर है कि इस दौरान ऊर्जा मंत्री भी मौजूद रह सकते हैं।
वहीं अगर आज की वार्ता विफल होती है तो कल शुक्रवार से संयुक्त मोर्चा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकता है। गौरतलब है मप्र विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर गत 7 अगस्त को हड़ताल पर रहे। मप्र विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा है कि इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट विल 2021 को संसद में पारित नहीं करने दिया जाए, बिजली कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए, आऊटसोर्स कर्मियों का संविलियन किया जाए, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
प्रदेश सरकार के इसके लिये कई बार अनुरोध किया गया लेकिन बिजली कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिये जाने के कारण आंदोलन का रुख करना पड़ा। मांगें पूरी नहीं होने पर 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया गया है। वहीं प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे के बुलावे पर मांगों को लेकर 12 अगस्त को भोपाल में चर्चा होगी। मांगें नहीं मानी गई तो 13 अगस्त से बिजली कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।