मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की मॉंग की तुलना में पर्याप्त विद्युत उत्पादन है। प्रदेश में कहीं पर भी विद्युत उपलब्धता की कमी के कारण विद्युत कटौती नहीं हो रही है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि विगत दिनों 27 अगस्त की शाम से लगभग तीन दिन विद्युत की मॉंग मे अप्रत्याशित वृद्धि एवं कम उत्पादन की स्थिति निर्मित हुई थी। अत: अघोषित विद्युत कटौती, अंतिम विकल्प के रूप में करने की बाध्यता हुई। विद्युत उत्पादन में कमी की स्थिति देशव्यापी कोयला संकट एवं कम वर्षा के कारण बनी है। वहीं दूसरी ओर अल्प वर्षा के कारण कृषि के क्षेत्र में विद्युत मॉंग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई।
उल्लेखनीय है कि सामान्यत: मानसून के दौरान सिंचाई के लिए बिजली की सीमित आवश्यकता ही होती है। अत: इन माहों में विद्युत इकाईयां वार्षिक रखरखाव के लिए बंद की जाती हैं। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न उत्पादन केंद्रों की 2227 मेगावाट क्षमता की विभिन्न इकाईयां वार्षिक रखरखाव के लिए बंद हैं। इनमें से लगभग 1000 मेगावाट क्षमता 5 सितम्बर तक उपलब्ध हो जायेगी। इससे स्थिति पर पूर्ण रूप से नियत्रंण हो जायेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कमी से निपटने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, इसके अंतर्गत गैस आधारित संयंत्रों को चालू करना और जिन संयंत्रों में एक या दो दिन का कोयला शेष है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोयला उपलब्ध कराना है। इन स्थितियों के बावजूद भी सरकार के अथक प्रयासों से 27 से 30 अगस्त तक वर्ष 2020 एवं 2019 की तुलना में अधिक विद्युत प्रदाय की गई है। एवं उच्चतम माँग की पूर्ति भी अधिक हुई है।