मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के निजीकरण सहित अनेक मांगों को लेकर 10 अगस्त को कार्य बहिष्कार हड़ताल पर गये विद्युत अधिकारियों एवं कर्मियों पर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
कंपनी प्रबंधन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जो अधिकारी एवं कर्मचारी 10 अगस्त को कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर थे, वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अवकाश का आवेदन प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उनका एक दिन का वेतन काटा जायेगा। कंपनी प्रबंधन के इस आदेश के बाद अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्युत कंपनी प्रबंधन के दबाव में निजी ठेकेदारों के अधीन कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मियों का एक दिन का वेतन काटा जा चुका है। जिसके बाद सभी वर्गों के कर्मियों में आक्रोश बढ़ रहा है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा है कि 10 अगस्त को कर्मचारी संगठन द्वारा विद्युत कंपनियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया गया था।
जिस पर कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे अधिकारी जो 10 अगस्त को कार्य पर उपस्थित थे एवं कार्मिकों जिनके द्वारा उपस्थिति पंजी में दोनों समय इन तथा आउट टाइम पर हस्ताक्षर किया गया है, उन्हें छोड़कर शेष ऐसे सभी अधिकारी एवं कार्मिक 19 सितंबर के भीतर आकस्मिक या अर्जित अवकाश का आवेदन प्रस्तुत करें।
ऐसे आवेदन सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जावेंगे। यदि किसी कार्मिक द्वारा निर्धारित समय सीमा में आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो माह सितम्बर 2021 के वेतन से एक दिन का वेतन काट दिया जायेगा।