अध्यापक प्रकोष्ठ मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान पीएसएम कॉलेज जबलपुर में बी.एड. एवं एम.एड. के लगभग 500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। कॉलेज प्रबंधन द्वारा विगत 2 वर्षो में लगभग 1.5 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी वहां पर बी.एड., एम.एड. की कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं (शिक्षक-शिक्षिकाए) के लिए महाविद्यालय में एक पुरुष व एक महिला प्रसाधन कक्ष ही बना पाया है।
अध्यापक प्रकोष्ठ ने बताया कि सितम्बर 2019 में महाविद्यालय विकास की बैठक में छात्र अध्यापकों के द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया था कि महाविद्यालय में और प्रसाधन कक्ष बनाये जाएं, ताकि छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधायें मिल सकें, क्योंकि अत्याधिक छात्र होने के कारण प्रसाधन कक्षों में लाईन ही लगी रहती है। कोरोना काल में कॉलेज बंद होने के बाद भी आज दिनांक तक लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी कालेज प्रबंधन द्वारा मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो खेद का विषय है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, तरूण पांचोली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्याम नारायण तिवारी, महेश कोरी, राकेश दुबे, गनेश उपाध्याय, संतोष तिवारी, राकेश पाण्डे, प्रणव साहू, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, ब्रजेश गोस्वामी, संतोष कवेरिया, शुभसंदेश, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, धीरेन्द्र सोनी, मोह. तारिक, मनोज पाटकर आदि ने आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को ई-मेल के माध्यम से प्राचार्य पीएसएम के द्वारा 2 वर्ष में कराये गये कार्य की गुणवत्ता व खर्च की जांच कर छात्र-छात्राओं के लिए अतिरिक्त प्रसाधन कक्ष बनाने की मांग की।