केन्द्र सरकार रेलवे को उद्यमियों को बेचकर रेलवे को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और रेल मजदूरो को ठेका कर्मी बनाना चाहती है, उक्त उदगार NFIR के आव्हान पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय जबलपुर में निजीकरण निगमीकरण, मौद्रीकरण के खिलाफ आयोजित द्वार सभा व विरोध प्रदर्शन के दौरान मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला ने व्यक्त किए।
रेलवे मज़दूर संघ के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर व महामंत्री अशोक शर्मा के निर्देश पर पमरे समेत पूरे भारतीय रेल में चल रहे विरोध सप्ताह 13 से 18 सिंतबर के क्रम में डीआरएम कार्यालय जबलपुर में संघ के नेता सरकार व रेल प्रशासन के पर जमकर बरसे।
मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी साजिशों को बेनकाब किया। उन्होंने कहा कि मौद्रीकरण के नाम पर रेल संपत्ति को बेचकर वाहवाही लूटना चाह रही है सरकार, जिसे हरगीज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेल इन्फ्रस्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के बजाये रेलवे का सत्यानाश नहीं होने देंगे।
संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाली रेलवे को बेचने से युवाओं पर बेरोजगारी की भारी मार पड़ेगी, जिसमें रेल कर्मियों के बच्चे भी शामिल है। आर.ए सिंह, डीएन यादव ने सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि रेल को किसी भी सूरत में बर्बाद नहीं होने देगें। चाहे हमें किसी भी हद तक जाना पड़े। कम से कम पमरे में कोई भी प्राईवेट ट्रेन का संचालन नहीं होने देगें।
संघ के कार्यकर्ताओं ने एनडीए सीलिंग पर लगी रोक हटाने, एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू करने, बिना सीलिंग के बोनस भुगतान करने, मंहगाई भत्ता का एरियर्स देने, LDCE ओपन टू ऑल करने, सीनियर सुपरवाइजर को 4800 ग्रेड पे में बदलकर 5400 ग्रेड पे देने, आवासों की जर्जर हालत में सुधार करने, पास सुविधा को समाप्त करने की साजिश को बंद करने आदि ज्वलंत मुद्दो पर आवाज बुलंद की।
इस आंदोलन में संघ के संयुक्त महामंत्री एसके वर्मा, सहा. महामंत्री एसके सिंहा, रोशन सिंह यादव, हर्ष वर्मा, अनिल चौबे उपाध्यक्ष, आरएस कलसी, रफैल जैकब, अफजल हाशमी, शेख मुनीर खान, रूपेश गुप्ता, ओपी चौकसे, संतोष सोनी समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रदर्शन का संचालन अवधेश तिवारी ने किया।