मध्य प्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कंपनी के आला अधिकारी अपनी खुन्नस के चलते कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं। इतना ही नहीं कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को परेशान करने के लिए कंपनी के अधिकारी नियम विरुद्ध निर्णय लेने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा कंपनी में कार्यरत तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों पर मिथ्या आरोप लगाकर नियमों के विपरीत जाकर बेवजह ट्रांसफर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के शासकीय कर्मचारी कल्याण संगठन मंत्रालय भोपाल के द्वारा दिनांक 26 जुलाई 2021 को एक पत्र जारी किया था कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण करते समय कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को छोड़कर अन्य कार्मिकों का स्थानांतरण किया जाए।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मप्र सरकार के आदेश में ये भी स्पष्ट कहा गया है कि कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का ट्रांसफर 3 वर्ष की अवधि तक न किया जाए। लेकिन पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के ऊपर गलत आरोप लगाकर स्थानांतरण किया जा रहा है।
इनमें कई ऐसे भी कर्मचारी हैं, जिनकी सेवानिवृत्त को 2 साल ही शेष हैं। जिन कर्मचारियों ने अपना पूरा जीवन ट्रांसमिशन कंपनी में लगा दिया। कर्मचारियों की अत्याधिक कर्मचारियों की कमी होने के कारण 24 घंटे तक कार्य कर अपना कर्तव्य निभाया और कंपनी को शिखर तक पहुंचाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया, उन पर कोई ना कोई झूठा आरोप लगा के स्थानांतरण कर बेवजह परेशान किया जा रहा है।
संघ के एसके मौर्या, के एन लोखंडे, रमेश रजक, एसके शाक्य, एसके सिंह, प्रेम लाल पटेल, घनश्याम चौरसिया, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र मेश्राम, संजय वर्मा, दशरथ शर्मा, मदन पटेल आदि ने मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंधन से तकनीकी कर्मचारी संघ पदाधिकारियों का स्थानांतरण ना करने का अनुरोध किया है।