बिजली कार्मिकों की विभिन्न मांगों पर मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स ने अपना तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन स्थगित कर दिया था। लेकिन ऊर्जा मंत्री द्वारा तय की गई समय सीमा में बिजली कार्मिकों की किसी भी मांग पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से बिजली कार्मिकों में आक्रोश उपज रहा है और वे फिर से आंदोलन की राह पर जाते दिखाई दे रहे हैं।
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के प्रदेश संयोजक व्हीकेएस परिहार की अध्यक्षता में सोमवार की शाम आयोजित की गई एक वर्चुअल बैठक में 23 अगस्त को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के साथ संपन्न बैठक के बाद वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।
बैठक में प्रमुख रूप से यूनाइटेड फोरम की आगामी गतिविधियों की रूपरेखा तय कर निर्णय लिए गए कि 18 सूत्रीय मांग पत्र पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से भेंट कर पूर्व में दिए गए आश्वासन अनुसार समय सीमा में निराकरण का निर्णय हेतु चर्चा की जाये। 30 सितंबर तक उक्त सम्बद्ध निर्णय न होने की स्थिति में 2 अक्टूबर से गांधी जयंती से आंदोलन प्रारम्भ किया जाये।
इसके अलावा निर्णय लिया गया कि आगामी आंदोलन 3 दिवसीय कार्य के बहिष्कार से ही प्रारम्भ हो जो कि अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह 13, 14, 15 अक्टूबर में प्रस्तावित है। अनिश्चितकालीन कार्य का बहिष्कार नवम्बर के प्रथम सप्ताह में होगा।
वहीं बैठक में बनाई गई रूपरेखा को अंतिम रूप देने के पूर्व सभी कंपनी व रीजन के संयोजक जिला स्तर पर जिला संयोजक व अध्यक्ष से चर्चा कर 21 या 22 सितंबर को बैठक जरूर करें। इसके बाद 24 या 25 अक्टूबर को फोरम की वर्चुअल मीटिंग होगी, जिसमें सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति में अंतिम रूप से निर्णय लिया जायेगा। बैठक में प्रमुख पदाधिकारियो की अनुपस्थिति को भी संज्ञान में लिया गया है इस कारण बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाना संभव नहीं हो पाया है।