मध्य प्रदेश के जबलपुर में नियमों को ताक पर रखकर संविदा विद्युत कर्मचारी से दबाव बनाकर करंट का कार्य कराना संविदा कर्मी के लिए जानलेवा साबित हो गया। कार्य के दौरान पावर ट्रांसफार्मर में करंट नापते समय मेगर में ब्लास्ट होने से संविदा कर्मचारी का हाथ बुरी तरह झुलस गया।
वहीं बताया जा रहा है कि घटना के दौरान कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। जबकि नियमानुसार 8 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर में करंट नापते समय उस क्षेत्र के जेई और एसटीएम विभाग के अधिकारी का मौके पर उपस्थित रहना जरुरी है। लेकिन अधिकारी नियमों को ताक पर रख देते हैं और दबाव बनाकर संविदा और आउटसोर्स कर्मियों से नियमविरुद्ध कार्य कराते हैं। जानकारों का कहना है कि नियमानुसार संविदा और आउटसोर्स कर्मियों से करंट का कार्य नहीं कराया जा सकता।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार 29 सितंबर को विजय नगर संभाग के माढ़ोताल वितरण केंद्र के अंतर्गत 33/11 केवी सब-स्टेशन में सुबह लगभग 10:30 बजे एसटीएम संभाग में कार्यरत संविदा कर्मी मुकेश तिलसानी सब-स्टेशन के अंदर 8 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर की 11 केवी की साइड में मेगर से चेक कर रहा था कि कहीं से करंट तो नहीं आ रहा है।
उन्होंने बताया कि मेगर से करंट नापते समय अचानक मेगर में ब्लास्ट हो गया, जिससे स्पार्क लगने से संविदा कर्मी के बाएं हाथ का पंजा बुरी तरह झुलस गया। कर्मी के घायल होने पर सहयोगीयों के द्वारा तत्काल प्राथमिक चिकित्सा की गई और उसके बाद उसे तत्काल निजी हॉस्पिटल में लाकर उपचार कराया गया।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि संविदा कर्मी के द्वारा पूरी सप्लाई बंद करके कार्य किया जा रहा था। ये जांच का विष है कि जब संविदा कर्मी कार्य कर रहा था तो करंट कहां से आया। साथ ही उन्होंने कहा कि उस समय मौके पर कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं था, जबकि इस दौरान संबंधित डीसी के अधिकारी और एसटीएम विभाग के अधिकारी का उपस्थित रहना अनिवार्य होता है।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, राकेश, रमन रैकवार, शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, महेश पटेल, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, डेबिड, ख्यालीराम राम, शंकर आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि इस घटना की सूक्ष्मता से जांच कर दोषी अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की जाये।