केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आरईसी और पीएफसी लिमिटेड के कार्य प्रदर्शन की समीक्षा बैठक ली। इन बैठकों में विद्युत राज्य मंत्री कृष्णपाल, विद्युत सचिव और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आरईसी और पीएफसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा इन दोनों केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने सभी को 24 घंटे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के बारे में सरकार के विज़न पर प्रकाश डाला। इस संदर्भ में उन्होंने दोनों संस्थानों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के दृष्टिकोण से इनकी प्रतिस्पर्धा में सुधार लाने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने यह भी सलाह दी कि दोनों संगठनों को बाजार की बदलती हुई जरूरतों के अनुसार फुर्तीला और गतिशील रुख अपनाना चाहिए, नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ोतरी करनी चाहिए और अपनी निधियों की लागत कम करने के प्रयास करने चाहिए।
इस संदर्भ में उन्होंने पीएफसी और आरईसी को समग्र उद्देश्य के साथ यह सलाह दी कि उन्हें अपतटीय स्रोतों सहित निधियां जुटाने के लिए बेहतर और सस्ते विकल्प तलाशने चाहिए।इसके लिए उन्होंने पीएफसी और आरईसी को उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध कराने के समग्र उद्देश्य के साथ इस क्षेत्र में बदले हुए व्यापारिक माहौल के अनुकूल एक रणनीतिक विश्लेषण करने का भी निर्देश दिया।
आरके सिंह ने स्ट्रेस्ड परिसंपत्तियों के जल्दी समाधान की जरूरत पर जोर दिया और इस संदर्भ में दोनों संगठनों को कई उपाए करने का सुझाव दिया। जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि स्ट्रेस्ड परिसंपत्तियों का पीएफसी और आरईसी के लिए न्यूनतम कटौती के साथ उचित मूल्य पर राष्ट्रीय हितों के अनुरूप समाधान किया जाए। उन्होंने पीएफसी और आरईसी दोनों को पूरे देश में भौतिक उपस्थिति स्थापित करते हुए अपनी पहुंच बढ़ाने पर भी जोर दिया।
इसके अलावा उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि पीएफसी और आरईसी द्वारा वित्तपोषित परियोजना पर निगरानी की कड़ी व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ-साथ कंपनी के अधिकारियों द्वारा निरीक्षणों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए तथा बाजार से विशेषज्ञों पेशेवरों को भी इस कार्य में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने दोनों संस्थानों के जोखिम प्रबंधन ढांचे को भी मजबूत बनाने के बारे में जोर दिया।
इसके अलावा आरके सिंह ने कुछ वितरण कंपनियों के वित्त के बारे में चिंता जाहिर की और सुझाव दिया कि संबंधित डिस्कॉम के निदेशक मंडल में उनके ऋणदाता नामितों की उपस्थिति स्थापित करने सहित उपचारात्मक सुधार किए जाएं।