मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में धीरे-धीरे सभी कार्य निजी कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं। वहीं निजी कंपनियां आउटसोर्स में रखे गए अपने कर्मियों का विद्युत अफसरों की मिलीभगत से श्रम नियमों और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर जमकर शोषण कर रही है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार्य के दौरान अगर कोई आउटसोर्स कर्मी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो ठेका कंपनी कर्मी का इलाज कराने की बजाए, अफसरों की मिलीभगत से घटना को दबाने में जुट जाती है। इसके चलते आउटसोर्स कर्मियों को समुचित उपचार भी उपलब्ध नहीं हो पाता।
ऐसा ही एक मामला पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर रीजन में सामने आया है। जहां ठेका कंपनी द्वारा मेंटेनेंस के दौरान पेड़ से गिरकर ज़ख्मी हुए आउटसोर्स कर्मी के मामले को दबाने के भरसक प्रयास किये गए, लेकिन मामला सामने आते ही बवाल मच गया।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर सिटी सर्किल के विजय नगर संभाग के अंतर्गत उप संभाग माढ़ोताल में सहायक अभियंता के आदेश 10 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे आउटसोर्स कर्मी शिवकुमार कुशवाहा शिकायत केंद्र के पास पेड़ में चढ़कर टहनी काट रहा था, उसी समय फिसलकर नीचे आ गिरा। जिससे उसका दाहिना हाथ बुरी तरह छिल गया एवं उसे अंदरूनी चोट भी आई। घायल कर्मी का सहयोगी साथियों के द्वारा इलाज कराया गया, लेकिन ठेका कंपनी ने कर्मी का इलाज कराने की बजाए, इस मामले को दबा दिया।
उन्होंने बताया कि वहीं आज मंगलवार 12 अक्टूबर को भी माढ़ोताल उपसंभाग में फिर एक और घटना घटित हो गई। मंगलवार की सुबह लगभग 9 बजे एक निजी स्कूल के पास आउटसोर्स कर्मी महेंद्र कुशवाहा मेंटेनेंस कार्य के दौरान पेड़ पर चढ़कर टहनी काट रहा था। इसी दौरान वह फिसलकर 10 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरा। घटना में घायल आउटसोर्स कर्मी को सहयोगी साथी निजी अस्पताल ले गए। जहां उसे भर्ती कर लिया गया। डॉक्टर के परीक्षण के बाद बताया कि कर्मी के दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई है एवं कमर में अंदरूनी चोट आई है।
तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, जेके कोस्टा, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, पुरुषोत्तम आजाद आदि ने ठेका कंपनी से मांग की है कि दोनों आउटसोर्स कर्मियों का समुचित इलाज कराए।