आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप-2023 के अंतर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा तय प्राथमिकताओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। ट्रांसमिशन प्रणाली के विस्तार कार्यक्रम में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर योजना एवं टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से अति उच्च दाब उप केन्द्रों एवं उनसे संबंधित लाइनों के निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के लगभग 97 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गये हैं। शेष कार्य माह मार्च, 2022 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली के माध्यम से पहली परियोजना का कार्य प्रगति पर है, जो वर्ष 2023 तक पूर्ण हो जाएगा।
प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के घर में मीटरीकरण की महत्वाकांक्षी योजना में लगभग 23 लाख स्मार्ट मीटर भी लगाये जाने हैं। इन्दौर शहर में एक लाख 20 हजार स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं।
प्रदेश के स्थानीय निर्माताओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में कुल सामग्री खरीदी में न्यूनतम 10 प्रतिशत राशि की सामग्री स्थानीय निर्माताओं से क्रय की जाए।
ट्रांसफार्मर, मीटर, केबल और कंडक्टर जैसी मुख्य सामग्री के परीक्षण के लिए सभी वितरण कंपनियों द्वारा अपनी स्वयं की परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है। इसमें से 3 स्थानों– भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर की प्रयोशालाओं में परीक्षण कार्य प्रारंभ हो चुका है। सात अन्य प्रयोगशालाओं की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इन सभी प्रयोगशालाओं को NABL से भी प्रमाणित कराया जाएगा।