मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की श्रीमती अरूणा जैन सहा. अध्यापक का होशंगाबाद जिले से जबलपुर जिले की प्राथ. शाला गंजीपुरा स्थानांतरण कराया गया था। शासन द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षा कर्मियों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन 2007 में कर दिया गया, किन्तु श्रीमती अरूणा जैन शिक्षाकर्मी वर्ग-3 का संविलियन अध्यापक संवर्ग में नहीं किया गया तथा उन्हें बिना संविलियन आदेश के ही उन्हें अध्यापक सवंर्ग के सामान सुविधायें तथा वेतन, वरिष्ठ वेतनमान का लाभ जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा दे दिया गया जो आज तक प्राप्त हो रहा था।
इसी प्रकार शासन द्वारा 1 जुलाई 2018 से प्रदेश के सभी अध्यापक संवर्ग का राज्य शासन के कर्मचारियों में समायोजन करने के आदेश जारी हुए, जिसमें श्रीमती अरुणा जैन सहा. अध्यापक को उक्त लाभ से वंचित कर दिया गया, वंचित करने का कारण जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कार्यालय में मचे जंगलराज का दोषी संबंधित शिक्षिका बताया जा रहा है।
शिक्षा विभाग में नियमितीकरण न होने से संबंधित को 7वें वेतनमान, समूह बीमा योजना, अन्य राज्य शासन के कर्मचारियों के समान कोई भी लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है तथा वेतन भी 5 से 7 हजार रूपये कम प्राप्त हो रहा है। उक्त समस्या के निराकरण हेतु मंसूर बेग प्रांतीय सचिव के नेतृत्व में संघ का एक प्रतिनिधि मण्डल ने पूर्व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शरद जैन को एक ज्ञापन सौंपकर समस्या से अवगत कराया।
इस अवसर पर संघ के मंसूर बेग, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, सुधीर पण्डया, विपिन शर्मा आदि उपस्थित रहे।