मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने विज्ञापन निकालकर नियमित पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कर साक्षात्कार लिया। लेकिन इसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट और नियमों की अवहेलना करते हुए एक ही मेरिट लिस्ट के अभ्यर्थियों को नियमित और संविदा के पदों पर दो तरह की नियुक्ति प्रदान कर दी।
मध्य क्षेत्र कंपनी के उस कृत्य को परिक्षण सहायक नियमित बैच 2013 की प्रतीक्षा सूची से संविदा में नियुक्त किये गये परिक्षण सहायकों ने सांसद उदय प्रताप सिंह के संज्ञान में लाया कि वर्ष 2013 में नियमित परीक्षण सहायक के 1339 नियमित पद विज्ञापित किए गए थे। जिसमें सभी कंपनियों ने आवश्यकता अनुरूप परीक्षण सहायक नियमित की भर्ती की थी, किंतु मध्य क्षेत्र कंपनी के द्वारा नियमित परीक्षण सहायक की भर्ती के उपरांत प्रतीक्षा सूची के शेष उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया के नियमों की अवहेलना करते हुए संविदा पर भर्ती किया गया था।
मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में सभी वितरण कंपनियों हेतु भर्तियां विज्ञापित की गई थी। रिक्तियों के अनुसार क्रमशः पूर्व क्षेत्र कंपनी में 652, मध्य क्षेत्र कंपनी में 254 एवं पश्चिम क्षेत्र कंपनी में 433 नंबर पदों हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। जिस हेतु इच्छुक उम्मीदवारों ने ‘नियमित भर्ती’ हेतु आवेदन किया था, जिसके पश्चात परीक्षण सहायक नियमित पद की लिखित एवं साक्षात्कार परीक्षा के उपरांत चयनित कुल 1339 उम्मीदवारों को नियमित पदों पर नियुक्त किया गया था।
यदि केवल वांछित पदों के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया संपादित हुई होती तो इसमें कोई समस्या नहीं थी किंतु मध्य क्षेत्र कंपनी के द्वारा जारी विज्ञापन में नोट लगाया गया था कि ‘परीक्षण सहायक के पदों को बढ़ाने एवं घटाने का पूर्ण अधिकार कंपनी का होगा। परीक्षण सहायक का कार्य उपकेंद्रों का संचालन होता है जोकि अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदारी वाला, जो कि स्थाई प्रकृति के कार्यों की श्रेणी में आता है।
जान जोखिम वाले स्थाई प्रकृति के कार्यों को संपादित करने हेतु मध्य क्षेत्र कंपनी को विज्ञापित संख्या से अधिक परीक्षण सहायकों की आवश्यकता थी एवं उनके द्वारा जारी विज्ञापन में उक्त पदों को बढ़ाने एवं घटाने की कंडिका भी सुरक्षित की गई थी किंतु फिर भी मध्य क्षेत्र कंपनी के द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एक विज्ञप्ति में एक ही तरह के पद व सेवा शर्तों के अनुसार नियुक्ति किया जाना होता है। परंतु नियमित परीक्षण सहायक की भर्ती में प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को संविदा परीक्षण सहायक के रूप में भर्ती किया जाना सुप्रीम कोर्ट की एवं नियमों की अवहेलना की गई है।
मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका कर्म संघ इण्टक के सचिव विद्याकान्त मिश्रा ने बताया कि परीक्षण सहायक संविदा बैच 2013 निरंतर 7 वर्षों से अपने साथ हो रहे भेदभाव को सहन करते हुए पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, यह कर्मचारी अपमानजनक स्थिति में नौकरी करने को मजबूर हैं।
उन्होंने बताया कि इनके अपमान का कारण है कि इनके साथ जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी, वह आज कंपनी के नियमित कर्मचारी हैं और कंपनी के वेतन भत्तों से लेकर अन्य सुविधाओं को भोग रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2013 बैच के ही प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को 7 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी नियमित नहीं किया जा रहा है।
संगठन के पत्र को सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने तत्परता से लेते हुए मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को पत्र लिखकर समस्त परीक्षण सहायक 2013 बैच के संविदा परीक्षण सहायक को नियमित करने हेतु पत्र लिखा है।