अगर नौकरी करना है तो 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ेगी, रात को 2 बजे भी आना होगा और दिन के 12 बजे भी कार्य के लिए तैयार रहना होगा। वहीं अवकाश की बात भी मत करना, अन्यथा परफॉर्मेंस रिपोर्ट खराब कर देंगे। मैदानी विद्युत अधिकारियों के ऐसे फरमान के बाद संविदा विद्युत कर्मी बेहद तनाव में हैं। जिसके कारण कम उम्र के कर्मी भी हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार बन रहे हैं।
जहां एक और विद्युत कंपनी प्रबंधन और मैदानी अधिकारियों के बेजा दबाव के चलते तकनीकी कर्मचारी कार्य के दौरान दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, वहीं दूसरी और 8 घंटे की बजाए 14 से 16 घंटे लगातार काम करने से तनावग्रस्त होते जा रहे हैं। इस पर अधिकारियों का दबाव बढ़ता जा रहा है और वे संविदा कर्मियों को 24 घंटे ड्यूटी के लिए तैयार रहने का दबाव बना रहे हैं, साथ ही कर्मियों को अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला पूर्व क्षेत्र कंपनी के जबलपुर ग्रामीण सर्किल के पाटन संभाग में सामने आया है, जहां युवा संविदा कर्मी उम्र लगभग 28 वर्ष, काम की अधिकता और तनाव के चलते हार्ट अटैक का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पाटन संभाग में पदस्थ संविदा कर्मी पवन विश्वकर्मा 29 नवंबर को सुबह 9 बजे विद्युत कार्यालय ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकला था।
तभी रास्ते में अचानक कर्मी के सीने में अत्यधिक दर्द होने लगा और वह जमीन पर बैठ गया। जिसे देखकर पड़ोसियों ने तत्काल संविदा कर्मी को जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया। इलाज कर रहे डॉक्टर ने लगभग डेढ़ लाख रुपया का खर्च बताया है। फिलहाल संविदा कर्मी अस्पताल में भर्ती है।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि हर माह बड़ी संख्या में तकनीकी कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। उनका बोझ दूसरे कर्मचारियों के कंधे के ऊपर बढ़ता जा रहा है। कार्य की अधिकता होने के कारण हर दिन कोई ना कोई घटना घटित हो रही है। मगर कंपनी प्रबंधन के द्वारा नियमित कर्मचारियों की भर्ती के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, जेके कोस्टा, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, आजाद सकवार, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, टी डेविड, पीएन मिश्रा आदि ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि संविदा कर्मी के इलाज के लिए तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाए।