मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की अगले माह से होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के नाम पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवकाश व मेडिकल के नाम जिला प्रशासन द्वारा प्रताड़ित न किया जाये, क्योंकि वर्षों से कर्मचारियों द्वारा ही अपनी मेहनत, कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी व लगन से अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिल कर चुनाव कराया जाता रहा है।
चाहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव, नगर निगम, विधान सभा चुनाव हों या लोक सभा चुनाव, प्रदेश में होने वाले प्रत्येक चुनाव में कर्मचारियों की भूमिका ही प्रमुख होती है। उसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा चुनाव के पूर्व कर्मचारियों को अवकाश के नाम पर या मेडिकल बोर्ड का हवाला दे कर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है।
जबकि कर्मचारी चुनावी महाकुंभ में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता है और निष्पक्ष मतदान के लिए चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता का संपूर्ण पालन करते हुये ही चुनाव कराता है। उसके बाद भी कर्मचारियों की पीड़ा व समस्या को न समझा जाना खेद का विषय है।
संघ के योगेन्द दुबे, अरर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, प्रलहाद उपाध्याय, जवाहर केवट, मनोज राय (दव्य), शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डेय, अजय दुबे, कैलाश शर्मा, लक्ष्मण परिहार, हर्षमनोज दुबे, केजी पाठक, प्रदीप राय, गणेश चतुर्वेदी, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, अजय राजपूत, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, आलोक बाजपेयी, वीरेश शर्मा, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डेय, श्याम नारायण तिवारी आदि ने जिला निर्वाचन अधिकारी जबलपुर से मांग की है कि चुनाव के नाम पर कर्मचारियों को प्रताड़ित न किया जाए। कर्मचारियों की पीड़ा को समझते हुये, उस पर मानवीय संवेदना के साथ अमल किया जाये।