कॉल-सेंटर में विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाये और उनका निराकरण न्यूनतम समय में सुनिश्चित किया जाये। तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के कॉल-सेंटर की कार्य-प्रणाली में एकरूपता होनी चाहिये। साथ ही कॉल-सेंटर के बेहतर कार्यों को एक-दूसरे के साथ शेयर भी किया जाये। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये।
ऊर्जा ने कहा कि विद्युत प्रहरी योजना में भिण्ड और मुरैना जिले में अच्छा कार्य हो रहा है। इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाये। उन्होंने अधिक संख्या में ट्रांसफार्मर खराब होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके कारण ढूंढे और उसका समाधान भी निकालें। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि अब 50 प्रतिशत ट्रांसफार्मर की जाँच की जायेगी।
ऊर्जा मंत्री ने राजस्व वसूली में बेहतर कार्य करने पर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अन्य विद्युत वितरण कम्पनियाँ भी लक्ष्य के अनुसार वसूली सुनिश्चित करें। श्री तोमर ने कहा कि रबी सीजन में बिजली की कमी नहीं आनी चाहिये। ट्रिपिंग कम से कम हो। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्र में ट्रिपिंग की ज्यादा समस्या है। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि मध्य क्षेत्र में जहाँ ज्यादा ट्रिपिंग हो रही है, उसकी एक टीम बनाकर जाँच करवायें।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि लाइन लॉस में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कमी लाने के समन्वित प्रयास करें। उन्होंने समाधान योजना की चर्चा करते हुए कहा कि बड़े बकायादारों से बिजली बिल वसूली की कार्यवाही प्राथमिकता से करें। बिलिंग दक्षता में और सुधार लायें। श्री तोमर ने कहा कि सभी चीफ इंजीनियर फील्ड का सतत भ्रमण करें। खराब मीटरों को समय पर बदला जाये। केपेसिटर बैंक का मेंटीनेंस नियमित रूप से किया जाये।
बैठक में एमडी मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी विवेक पोरवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वहीं बैठक में तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के एमडी वर्चुअली शामिल हुए।