मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की राज्य कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग के लोक सेवकों को 1जनवरी से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है, किन्तु भत्ते, मकान भाडा भत्ता, साईकिल भत्ता, धुलाई आदि समस्त भत्ते उन्हें छटवें वेतनमान के अनुसार ही प्राप्त हो रहे हैं। वर्तमान में साईकिल पर तो कोई चल ही नहीं रहा हैं साईकिल भत्ता मात्र प्रासंगिक रह गया है। अब मोटर साईकिल का युग है उसके अनुसार पेट्रोल भत्ता मिलना चाहिए, किन्तु लगभग 40 वर्षो पुराना साईकिल भत्ता ही दिया जा रहा है।
शासन द्वारा दिये जा रहे साईकिल भत्ते से पुलिस कर्मियों का एक दिन का पेट्रोल खर्च भी नहीं निकल पाता है, वहीं ड्रेस धुलाई भत्ता भी पुरानी दरों पर मिल रहा है जो कि न्यायसंगत नहीं है। पुलिस कर्मियों को 24 घण्टे 365 दिन डयूटी करनी पड़ती है, उसके बाद भी उनके भत्तों में कोई बढोतरी नहीं की जा रही है। जिससे इस मंहगाई के दौर में अपना खर्च परिवार का खर्च चलाना दूभर हो रहा है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, विनोद पोद्दार, आशुतोष तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, सुरेन्द्र जैन, विजय गौतम, दुर्गेश पाण्डे, मनोज खन्ना, राजेश चतुर्वेदी, वीरेन्द्र तिवारी, श्यामनारायण तिवारी, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, धीरेन्द्र सोनी, मनोज सेन, मो तारिक, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, नितिन शर्मा, विनय नामदेव, महेश कोरी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, संतोष तिवारी, विवेक तिवारी, केके प्रजापति आदि ने मुख्यमंत्री मप्र शासन से मांग की है कि पुलिस महकमें के समस्त लोक सेवकों को मिलने वाले समस्त भत्ते सातवें वेतनमान के अनुरूप दिये जाएं।