मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी ने बताया कि शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को व्यायाम प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति दी थी। लेकिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत पिछले 10 वर्षों में इन अध्यापकों को किसी भी विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदोन्नत नहीं किया गया है। सरकार ने अभी तक इसके लिए कोई नीति नहीं बनाई है और न ही शिक्षा विभाग इस और ध्यान दे रहा है।
संघ ने कहा कि वर्तमान में अध्यापक संवर्ग को सहायक शिक्षकों के समान विभागीय सीपीएड करने की अनुमति दी थी, जो आज तक जारी भी है। इस अनुमति के अंतर्गत प्रदेश में विगत दस वर्षों में सैंकडों फिजिकल प्रशिक्षित सहा अध्यापक तथा अध्यापक बन गए हैं। किन्तु दस वर्षों में इन प्रशिक्षित अध्यापकों को व्यायाम अध्यापक के रूप में हायर सेकेण्डरी व हाईस्कूलों में पदांकन नहीं किया गया है। जबकि इन अध्यापकों द्वारा विभागीय डीपीएड तथा सीपीएड प्रशिक्षण प्राप्त करने में लाखों रुपये खर्च किये हैं।
संघ योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, विनोद पोद्दार, आलोक अग्निहोत्री, मिर्जा मंसूर बेग, यूएस करौसिया, राजेश गुर्जर, बृजेश ठाकुर, अमित नामदेव, विवेक भट्ट, आशीष सक्सेना, सुधीर खरे, एआई मंसूरी, तपन मोदी, नितिन श्रृंगी, राकेश सुनमारिया, धीरज कुरील, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, राजेन्द्र श्रीवास्तव, धनसिंह झारिया, मिलंद बरकर्ड, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी आदि ने आयुक्त लोक शिक्षण मप्र भोपाल से मांग की है कि विभागीय डीपीएड तथा सीपीएड प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापकों को व्यायाम अध्यापक के पदों पर पदोन्नत करते हुए हायर सेकेण्डरी व हाईस्कूलों में पदांकन किया जाये।