मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा स्थानांतरण नीति के विरुद्ध लगभग 300 स्थानांतरण किये गये। इन स्थानांतरणों में प्रभारी मंत्री को अंधेरे में रखकर स्थानांतरण व नियम विरुद्ध संशोधन का बड़ा खेल डीईओ एवं स्थानांतरण समिति द्वारा खेला गया, इनके द्वारा स्थानांतरण में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए शालाओं को शिक्षक विहीन कर दिया गया, साथ ही अनेक शालाओं में छात्र संख्या कम होने के बाद भी 4-4 शिक्षक पदस्थ कर दिये गये तथा प्रशासनिक स्थानांतरण के नाम पर मनचाहे स्थानांतरण व संशोधन किये गये।
संघ द्वारा स्थानांतरण में भारी भ्रष्टाचार को उजागर करने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही गई तो डीईओ द्वारा महीनों से शुल्क जमा करने के बाद भी चाही गई जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है और न ही जानकारी छिपाने का कोई औचित्य बताया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी छुपाने से यह प्रमाणित होता है कि स्थानांतरण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, आरके परोहा, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, बीसी नामदेव, बृजेश मिश्रा, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरामन गुर्जर, कमलेश यादव, रमाकांत वाजपेयी, गजेन्द्र सिंह आदि ने अध्यक्ष, राज्य सूचना आयोग से मांग की है कि सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी सार्वजनिक न करने वाले डीईओ के विरूद्ध अर्थदण्ड लगाते हुए जानकारी उपलब्ध कराई जाए।