संस्कृति विभाग की संस्कृति परिषद अंतर्गत साहित्य अकादमी द्वारा मध्य प्रदेश की छः बोलियों के कैलेण्डर वर्ष 2018 एवं 2019 के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की गई है। साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने बताया कि यह पुरस्कार मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी बोली में रचित रचनाओं के लिए दिए जाते हैं। भीली और गोंडी बोली के पुरस्कार के लिए कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं होने से शेष बची 4 बोलियों में यह पुरस्कार प्रदान किए गए है। साहित्यिक कृति पुरस्कार में सम्मान स्वरूप 51 हजार रूपये की राशि दी जाती है।
साहित्यिक कृति पुरस्कारों में वर्ष 2018 के लिए मालवी में ‘संत पीपा’ स्मृति पुरस्कार इंदौर की श्रीमती हेमलता शर्मा को कृति ‘मालवी डबल्यो’ के लिए, निमाड़ी में संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार बड़वानी के प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ को ‘तमक कइ करनुज’ के लिए, बघेली के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार सतना के अनूप अशेष को ‘बानी आदिम’ के लिए, बुंदेली में छत्रसाल स्मृति पुरस्कार टीकमगढ़ के दीन दयाल तिवारी को उनकी कृति ‘बेताल की चौकड़िया’ के लिए दिया गया है।
इसी तरह वर्ष 2019 के लिए मालवी में संत पीपा स्मृति पुरस्कार उज्जैन के सतीश दवे को कृति ‘बात को बतंगड़’ के लिए, निमाड़ी में संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार खरगोन के जगदीश जोशीला को ‘निमाड़ी धंधोरया के लिये, बघेली में विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार सीधी की डॉ अंजनी सिंह सौरभ को कृति ‘ठठरा माँ साँसि’ के लिए और बुंदेली में छत्रसाल स्मृति पुरस्कार दतिया के डॉ राज गोस्वामी को उनकी रचना ‘मौं ढाँकें करिया में’ के लिए दिया गया है।