मध्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मप्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश की गई विद्युत टैरिफ याचिका पर नियामक आयोग ने आपत्ति जताते हुए वापस कर दिया है।
गौरतलब है कि मप्र विद्युत नियामक आयोग हर पांच साल के लिए बिजली की खरीदी प्रक्रिया को लेकर रूल एवं रेग्युलेशन तय करती है। इसी रूल एवं रेग्युलेशन के आधार पर बिजली कंपनियां याचिका दायर करती है। वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2022-27 तक के लिए रूल एवं रेग्युलेशन 3 दिसंबर 2021 को राजपत्र में प्रकाशित किये गये हैं, लेकिन इससे पहले 30 नवंबर 2021 को ही विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से पावर मैनेजमेंट कंपनी ने टैरिफ याचिका दायर कर दी थी, जो कि एक संवैधानिक चूक थी।
जिसके बाद मप्र विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत कंपनी की टैरिफ याचिका वापस करते हुये नये सिरे से टैरिफ याचिका दायर करने के लिए कहा है। टैरिफ याचिका वापस होते ही विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ याचिका पर आई आपत्तियों की जन सुनवाई भी टाल दी गई है। गौरतलब है कि टैरिफ याचिका की आपत्तियों पर 8 फरवरी से 10 फरवरी 2022 तक तीनों डिस्कॉम के मुख्यालय में जन सुनवाई की जानी थी।