मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कर्मचारियों को टीए का भुगतान नहीं होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं प्रदेश शासन को टीए का भुगतान नहीं होने से करोडों रुपये का फायदा हो रहा है। इसमें तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी जो कम्प्यूटर चलाना नहीं जानते हैं, उन्हें भी भुगतान के लिए सिर्फ आनलाईन आवेदन ही करना पड़ता है। कर्मचारी शासकीय कार्य हेतु आवागमन तो कर रहा है और प्रतिदिन अपने फील्ड क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है, जिससे उसे रेल, बस और स्वंय की गाड़ी में जाना पड़ता है। जिसका भुगतान स्वयं के पैसों से करना पडता है, परंतु उसे आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर की जटिलता के कारण शासन से टीए बिल का पैसा नहीं मिल पाता है।
इसी प्रकार प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को आयुष्मान योजना और केंद्र के समान सीजीएचएस सुविधा न मिलने से उसे निजी चिकित्सालयों में गंभीर बीमारी के समय इलाज कराने पर संपूर्ण जमा पूंजी खर्च करनी पड़ जाती है और इलाज कराने में कर्ज का सहारा लेना पड़ता है, जिससे संपूर्ण परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों के कारण राज्य शासन के समस्त विभागों के कर्मचारियों में अत्यंत रोष व्याप्त है।
संघ के दुर्गेश पाण्डेय, आलोक अग्निहोत्री, गणेश चतुर्वेदी, मनीष शुक्ला, ब्रजेश मिश्रा, मनीष लोहिया, शैलेन्द्र दुबे, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, सीएन शुक्ला, वीरेन्द्र तिवारी, श्यामनारायण तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, नवीन यादव, अशोक मेहरा, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, राकेश वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे, अतुल पाण्डे आदि ने मुख्यमंत्री को ईमेल कर मांग की है राज्य के कर्मचारियों को आफलाईन टीए का भुगतान किया जाये एवं आयुष्मान योजना का लाभ या केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह इलाज हेतु सीजीएचएस की सुविधा प्रदान की जाये।