मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की प्रदेश के अतिथि शिक्षक विगत 14 वर्षों से शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य करा रहे हैं तथा इनकी नियुक्ति के पश्चात ही प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता तथा परीक्षा परिणाम में निरंतर सुधार हो रहा है, किन्तु इन अल्प वेतन भोगी अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।
अतिथि शिक्षकों द्वारा लगातार शासन-प्रशासन से आवेदन, धरना प्रदर्शन, आन्दोलन आदि माध्यमों से सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के बाद भी इनकी मांगों पर आज दिनांक तक कोई विचार नहीं किया गया है और न ही इन अतिथि शिक्षकों का आगे का भविष्य क्या होगा, इस संबंध में भी प्रदेश शासन की कोई ठोस योजना नहीं है। जबकि पडोसी राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नीति बनाकर इनका नियमितीकरण किया जा रहा है।
संघ के संजय यादव, मिर्जा मंसूर बेग, विनोद पोद्दार, प्रकाश सेन, आशुतोष तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, सुरेन्द्र जैन, प्रशांत शुक्ला, डॉ संदीप नेमा, सुदेश श्रीवास्तव, संतोष दुबे, वीरेन्द्र राजपूत, एमएल नामदेव, राकेश सेंगर, बलराम नामदेव, श्यामनारायण तिवारी, मनोज सेन, नितिन शर्मा, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी, प्रणव साहू, आशीष जैन, आदित्य दीक्षित, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार आदि ने स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की है कि प्रदेश में 14 वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किया जाये।