मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक के प्रथम-सत्र में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना तथा द्वितीय-सत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया। सीएम चौहान ने कहा कि तीर्थ-दर्शन यात्रा की शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई थी। यह राज्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। मध्यप्रदेश की इस योजना का अन्य राज्यों द्वारा अनुसरण किया गया है।
सत्र में सुझाव आया कि अप्रैल 2022 से मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाए। योजना में पूरी रेल में यात्रा के साथ बसों तथा कम यात्री होने पर रेल की बोगियाँ रिजर्व कर यात्रा कराने का विचार भी रखा गया। दूर के तीर्थ-स्थानों पर वरिष्ठ नागरिकों को वायुयान से तीर्थ-यात्रा कराने के संबंध में भी सुझाव प्राप्त हुआ। योजना के संबंध में यह भी सुझाव रखा गया कि अप्रैल से आरंभ होने वाली प्रथम तीर्थ-दर्शन यात्रा में सीएम चौहान सहित सभी मंत्रीगण भी शामिल होंगे। योजना के लिए जाने वाली ट्रेनों में प्रत्येक बोगी पर संबंधित जिले का नाम अंकित हो। इससे यात्रियों और उनसे विभिन्न स्टेशनों पर मिलने आने वाले लोगों को भी सुविधा होगी। अप्रैल में पहली यात्रा काशी विश्वनाथ की कराने और कबीर चौरा के दर्शन के साथ गंगा स्नान की भी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ-दर्शन यात्रा आरंभ करने के साथ ही ‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ में युवाओं को देश की सीमाओं पर भेजा जाएगा। देश भक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए यह योजना बहुत प्रभावी है।
प्रेजेंटेशन के बीच मुख्यमंत्री ने तीर्थ-दर्शन योजना की शुरूआत का संदर्भ सुनाते हुए कहा कि एक सभा में एक बुजुर्ग ने कहा कि शिवराज शासन की कई योजनाओं का लाभ तो मिल जाता है, बस इस उम्र में एक बार चार धाम की यात्रा का प्रबंध हो जाए तो अच्छा होगा। बुजुर्ग के इस अनुरोध के बाद विचार आया कि सरकार को प्रदेश के बुजुर्गों को तीर्थ-यात्रा पर भेजने की योजना बनाना चाहिए। राज्य स्तर पर विचार-विमर्श कर तीर्थ-दर्शन यात्रा का सृजन किया गया।
सीएम चौहान ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से संबंधित मंत्री समूह द्वारा प्रस्तुत सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही योजना संचालित करेगा। दंपति को प्रमाण-पत्र और दीवार घड़ी जैसे घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। कन्या विवाह योजना के संबंध में सुझाव प्राप्त हुआ कि विवाह में राशि के स्थान पर गृहस्थी के लिए उपयोगी सामान भेंट किया जाए। सामान गुणवत्तापूर्ण हो, यह सुनिश्चित करने के लिए समिति गठित कर पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की जाए। विवाह आयोजन के लिए वार्षिक कैलेंडर विकसित कर तिथियाँ निर्धारित की जाए। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में आगामी अप्रैल माह में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
प्रथम और द्वितीय-सत्र में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा शामिल हुए और योजनाओं के संबंध में सुझाव रखे।