मध्यप्रदेश में बिजली आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बोनस एक्ट 1965 के तहत 8.33% बोनस का भुगतान ठेकेदारों द्वारा किए जाने को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें मध्य प्रदेश की ट्रांसमिशन कंपनी में कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को 8.33% मासिक या 583 रुपए प्रति माह या अधिकतम 7000 रुपए प्रति वर्ष भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया है।
मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने सरकार के इस आदेश का स्वागत किया है, किंतु मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र व पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में वेतन के साथ बोनस के भुगतान में हो रही अनियमितता पर कड़ी निंदा की है। संगठन का आरोप है कि मध्य क्षेत्र और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वेतन और वेतन के साथ भी जाने वाले बोनस अनियमितता को शीघ्र दूर किया जाना चाहिए।
संगठन के सह संयोजक राहुल मालवीय का कहना है कि सरकार का आदेश स्वागत योग्य है, किंतु बिजली विभाग की 6 कंपनियों में वेतन के साथ बोनस दिए जाने के प्रावधान किया है, लेकिन इस महंगाई के दौर में सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को 31% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश के बिजली विभाग सहित समस्त विभागों के आउटसोर्स कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के नाम पर एक रुपए का वेतन तक बढ़ाया नहीं जा रहा है।
संगठन सरकार से मांग करता है वित्तीय वर्ष 2022-23 कर्मचारियों को कम से कम 3000 से 5000 रुपए तक वेतन वृद्धि की जानी चाहिए, जिससे कि समाज का एक मुख्य वर्ग आउटसोर्स कर्मचारीमहंगाई के इस दौर में अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। सह संयोजक राहुल मालवीय और जिलाध्यक्ष सतीश साहू ने बताया कि अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में आउटसोर्स कर्मचारी जल्द ही भोपाल में एकत्रित होने वाले हैं।