मध्य प्रदेश के जबलपुर में माह के प्रथम शनिवार को आयोजित होने वाली किसान प्रतिनिधियों की बैठक कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में संपन्न हुई। बैठक में जिले के सभी तहसीलों से किसान प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लेकर किसानों से संबंधित समस्याओं की जानकारियों से कलेक्टर को अवगत कराया।
बैठक के प्रारंभ में नववर्ष के उपलक्ष्य में भारत कृषक समाज के अध्यक्ष केके अग्रवाल सहित किसानों ने कलेक्टर का पुष्प गुच्छ एवं चने तथा गेहूं की बाल से बने गुलदस्ते से स्वागत किया गया। उप संचालक कृषि एसके निगम, महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केंद्र विनीत रजक, उप संचालक उद्यानिकी डॉ नेहा पटेल एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ यतीराज सिंह का भी इस अवसर पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
किसानों से संबंधित सभी विभागों के जिला एवं तहसील स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति में मटर की ब्रांडिंग हेतु विस्तृत योजना बनाने तथा प्रोसेसिंग, बीज की उपलब्धता, मटर मंडी का विकास आदि पर विचार कर निर्णय लिए गए।
इसके साथ ही गेहूं खरीद, चना खरीद, खाद एवं बीज की उपलब्धता तथा नहरों के रखरखाव, मरम्मत आदि व विद्युत की समस्याओं के निराकरण हेतु कलेक्टर द्वारा कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। ग्रामीण स्तर पर समस्या निवारण शिविर लगाने, तहसील स्तर पर एसडीएम लेवल की बैठक आयोजित करने आदि पर विस्तृत चर्चा की गई, साथ ही यह निर्णय हुआ कि सिंचाई एवं विद्युत विभाग के मुख्य अभियंताओं के साथ बैठक आयोजित कर किसानों की समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा।
बैठक में उद्यानिकी विभाग एवं उद्योग विभाग की योजनाओं की जानकारी किसानों दी गई तथा इसके प्रचार प्रसार व किसानों को लघु उद्योगों से जोड़ने एवं प्रोत्साहित करने हेतु तहसील स्तर पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। उद्यानिकी विभाग के तहसील स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय, तहसील स्थित कृषि विभाग के कार्यालयों में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। अब उद्यानिकी विभाग के अधिकारी कृषि के कार्यालय में उपलब्ध रहेंगे। किसान उनसे संपर्क कर योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
सिहोरा मंडी में मुद्दत लिए जाने की समस्या पर कलेक्टर ने बताया कि एसडीएम को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि मुद्दत नहीं कटेगी अगर कोई भी व्यापारी मुद्दत लेता है, तो तुरन्त कलेक्टर को मोबाइल पर इसकी शिकायत की जाए, उस पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी, चाहे मंडी भले ही बंद करना पड़े।