मध्य प्रदेश के कटनी, भोपाल, ग्वालियर, कैलारस, राजगढ़ , बैतूल, नरसिंहपुर, गाडरवारा, मंदसौर, महु, रीवा और आगर मालवा सहित प्रदेश के करीब 50 सब-स्टेशनों में पिछले दिनों हुई विद्युत कटौती के दौरान बिजली आउटसोर्स एवं संविदा ऑपरेटरों को आम लोगों व असामाजिक तत्वों के कोपभाजन व मारपीट का शिकार होना पड़ा।
बिजली कर्मियों के साथ मारपीट की घटनाओं में हो रही बढ़ोत्तरी से बिजली कर्मियों में भय का माहौल है। लगातार बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाने हेतु बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव एवं सह संयोजक दिनेश सिसौदिया व जिलाध्यक्ष सतीश साहू ने प्रदेश के बिजली सेक्टर में प्रोटेक्शन एक्ट तत्काल लागू किये जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों महु सब-स्टेशनों को आग से जलाने की घटना हुई, कटनी जिले के भुडसा सब-स्टेशन में आनड्यूटी आपरेटर के साथ गाली गलौज व मारपीट की गई, शिवपुरी कैलारस के बिजरौनी में आपरेटर के हाथ पैर बांध दिये गये यहाँ तक कि राजधानी भोपाल के ग्रामीण 33/11 केवी सब-स्टेशन बगरौदा, तारा सेवनिया, बरखेड़ा सालम, परवलिया सड़क, मुगालिया छाप, खजूरी सड़क, नजीराबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई बंद होने पर कुपित लोगों ने इन सब-स्टेशनों के ऑपरेटरों से गाली-गलौज कर मारपीट व तोड़फोड़ की, जबकि इसमें इन ऑपरेटरों की कोई गलती नहीं थी। इन अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिये राजस्थान राज्य की भांति प्रदेश में बिजली कर्मचारी व ऑपरेटरों की जान-माल की सुरक्षा हेतु सरकार प्रोटेक्शन एक्ट तत्काल लागू करे और मध्य प्रदेश के सभी सब-स्टेशनों में 24 घंटे पुलिस सुरक्षा बल की तैनाती की जाये।
इस संबंध में मनोज भार्गव ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, ऊर्जा मंत्री व एमडी को पत्र प्रेषित कर कहा है कि इन बढ़ती वारदातों की मूल वजह यह है कि पहले बिजली कम्पनियों में 11 केवी फीडरों की बिजली सप्लाई 132/220 केवी ट्रांसमिशन उपकेन्द्रों से बंद की जाती थी, पर इन दिनों 11 केवी फीडरों को 33 केवी उपकेन्द्रों से बंद करवाया जा रहा है। इस कारण बिजली बन्द होने पर ग्रामीण क्षेत्र के आक्रोशित लोग आउटसोर्स एवं संविदा ऑपरेटर के साथ मारपीट कर रहे हैं, इसलिये सप्लाई बन्द करने हेतु पुराना पैटर्न दोबारा लागू किया जाये और ऑपरटरों को तत्काल पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाये।