अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि उपयंत्रियों का कार्य करने वाले को समयपाल का वेतन दिया जा रहा है। जबकि कानूनन तौर पर जिस पद का कार्य करवाया जावे, उसी पद का वेतन देना चाहिए। एकांगी पद के कारण समयपाल का कभी भी प्रमोशन नहीं होना है, हिरन जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, आरईएस, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, शिक्षा और स्वास्थ विभागों में पदोन्नति तो नहीं कि जा रही, लेकिन वरिष्ठ पदों का कार्य करवाया जा रहा है।
मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे ने कार्यभारित स्थापना को श्राप बताते हुए इस प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करने पर जोर दिया है। योगेंद्र दुबे ने आगे बताया कार्यभारित स्थापना शब्द जुड़ा होने से इन पदों में पदिन्नति नही हो सकती है। इस व्यवस्था में पदों का एकांगी होना उनके प्रमोसन के अधिकार का हनन है, एक समान लाभ देने के पश्चात अलग अलग नाम देने के प्रक्रिया कर्मचारियों में भेद पैदा करने वाला शब्द है।
विभागों को भारत सरकार की अनेक योजनाओं के तहत बजट दिया जाता था योजनाओं में लगे सभी कर्मचारियों का वेतन इस बजट की राशि के हिस्से से किआ जाता था, कार्य में वेतन भारित होता था इस लिए इस कार्य में लगे कर्मी को कार्यभारित स्थापना का कर्मी कहा जाता है। आज यह व्यवस्था बंद हो चुकी है। सभी कर्मचारियों का वेतन सरकार दे रही है। फिर कार्यभारित शब्द खत्म होना उचित है। कार्यभारित स्थापना में समयपाल को कार्यभारित स्थापना के कर्मी को नियमित स्थापना के समान प्रायः सभी लाभ दिए जा रहे हैं, लेकिन नियमित स्थापना कर्मी नहीं माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्यप्रदेश समयपाल महा संघ के मुकेश मरकाम, प्रशांत सोधिया, नरेश शुक्ला, यूएस करोसिया, विश्वदीप पटेरिया, देव दोनेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, सिहोरा तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, योगेश चौधरी, आशुतोष तिवारी, अजय दुबे, एसके वांदिल, धीरेंद्र सिंह ,प्रदीप पटैल ,संदीप नेमा, नरेन्द्र सैन, जवाहर केवट, मनोज रॉय, हर्ष मनोज दुबे, ब्रजेश, आलोक अग्निहोत्री, रवि बांगड ने मध्यप्रदेश शासन के सभी विभागों से कार्यभारित स्थापना को समाप्त कर सभी को नियमित स्थापना कर्मी का नाम देने की माँग करते हुए समयपाल को कार्य के अनुसार उपयंत्री के पद का वेतनमान देने के साथ ही सभी पात्र कर्मचारियों को पूरे सेवा काल में दो पदिन्नति देने की मांग की है।