मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी के जबलपुर सर्किल में कार्यरल मीटर रीडर्स की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि ठेका कंपनी का अनुबंध सोमवार 6 जून को खत्म हो रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी प्रबंधन ने अभी तक न ही नया टेंडर निकाला है और न ही वर्तमान कंपनी के कार्यकाल को बढ़ाने की कोई कवायद की जा रही है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीरवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र कंपनी के द्वारा जबलपुर सिटी सर्किल के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के अंतर्गत आने वाले पांच शहर संभागों के लगभग साढ़े 3 लाख उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग लेने का ठेका वर्ष 2018 में फेडको कंपनी को 5 साल के लिए दिया गया था।
उन्होंने बताया कि फेडको कंपनी के द्वारा सिटी सर्किल के उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग लेने के लिए लगभग 150 मीटर रीडर्स को नौकरी पर रखा गया था। फेडको कंपनी के जून 2022 में पूरे 5 साल हो रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी नई कंपनी को ठेका नहीं दिया गया है और न ही फेडको का कार्यकाल बढ़ाया गया है, जिससे वर्तमान 150 मीटर रीडर्स की नौकरी खतरे में आ गई और इन आउटसोर्स कर्मियों के परिवार के पालन-पोषण पर भी खतरा मंडराने लगा है।
हरेंन्द्र श्रीवास्तव ने कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि ठेका प्रथा को समाप्त करते हुए इन मीटर रीडर्स का कंपनी में संविलियन किया जाए, ताकि इनका भविष्य सुरक्षित हो सके और वे अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकें। अगर इन 150 मीटर रीडर्स की नौकरी नहीं होगी तो पूरा परिवार दाने-दाने का मोहताज जा जाएगा और किसी भी दुखद स्थिति के लिए कंपनी प्रबंधन जिम्मेदार होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कंपनी प्रबंधन से मांग करते हुए कहा कि अति आवश्यक सेवा में आने वाली विद्युत कंपनी 24 घंटे उपभोक्ता सेवा में कार्यरत रहती है, ऐसे में कंपनी से ठेका प्रथा को समाप्त करते हुए सभी विभाग के आउटसोर्स कर्मियों का तत्काल संविलियन किया जाए, ताकि वे भविष्य के प्रति निश्चिंत होकर परिवार का पालन-पोषण और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, जेके कोस्टा, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, राजेश यादव, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, टी डेविड, मदन पटेल, आजाद सकवार, सुरेंद्र मिश्रा आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि यथाशीघ्र जबलपुर सिटी सर्किल में कार्यरत सभी 150 मीटर रीडर्स सहित सभी आउटसोर्स कर्मियों का कंपनी में संविलियन किया जाए।