मप्र तृतीय वर्ग शिक्षक/अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष मुकेश सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रभारी बीआरसीसी जबलपुर (ग्रामीण) द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर व जिला परियोजना समन्वयक के संयुक्त हस्ताक्षर से आधा सैकड़ा से अधिक शिक्षकों को अनावश्यक कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है, जिससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है।
प्रभारी बीआरसीसी जबलपुर ग्रामीण द्वारा 8 जून को जिले के लगभग आधा सैकड़ा से अधिक शिक्षकों को आपद्वय अधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर से नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं इनके द्वारा आपके नाम से ऐसे शिक्षकों को भी नोटिस जारी कर दिया है, जिनके द्वारा 31 मार्च 2022 के पूर्व खरीदारी के बिल नियमानुसार इनके कार्यालय में प्रस्तुत कर दिये हैं।
उसके बाद भी इनके द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा जा रहा है कि आपके द्वारा समय सीमा में बिल क्यों नहीं प्रस्तुत किये गये ऐसे शिक्षकों व शाला प्रभारियों की संख्या आधा सैकड़ा से अधिक है, जिन्हें अनावश्यक परेशानी किया जा रहा है जबकि गलती जन शिक्षा केन्द्र ग्रामीण की है। साथ ही इनके द्वारा पूरे विकासखण्ड में जो भी बिल पास किये गये हैं जिसमें अग्निशामक यंत्र के सारे बिल सभी शालाओं के एक ही दुकानदार से अपने कार्यालय में बैठकर बिल काटकर शिक्षकों से राशि वसूल की गई है, जिसकी जांच किसी भी शाला में जाकर की जा सकती है।
संघ के मुकेश सिंह, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्याम नारायण तिवारी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, राकेश पान्डे, प्रणव साहू, संतोष तिवारी, विष्णु पान्डे, विनय नामदेव, प्रियांशु शुक्ला, महेश कोरी, मोहम्मद तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष कावेरिया, सतीश पटेल, मनोज पाटकर, राजू पाठक आदि ने जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर से मांग की है कि तत्काल ऐसे प्रभारी बीआरसीसी को हटाकर इनके द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जाये तथा आप लोगों के हस्ताक्षर के नोटिस का दुरुपयोग करने की कठोर कार्यवाही की जाये अन्यथा संघ तीव्र आंदोलन हेतु बाध्य रहेगा।